Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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२०४]
१.
क्रम
२.
३.
४.
५.
६.
७.
नाम
कषाय-समुद्घात
किसको होते हैं? कितना समय किस कर्म के कारण से
वेदना - समुद्घात सर्वछद्मस्थ जीवों अन्तर्मुहूर्त
को
19
11
मारणान्तिक
समुद्घात
चारों
वैक्रिय-समुद्घात नारकों, प्रकार के देवों,
तिर्यंचपंचेन्द्रियों
""
11
एवं छद्मस्थ मनुष्यों को
तैजस- समुद्घात व्यन्तर ज्योतिष्क
देवों, नारकों
पंचेन्द्रियतिर्यंचों
एवं छद्मस्थ मनुष्यों को
11
"
??
समुद्घातयंत्र
11
""
11
21
"
आहारक- समुद्घात चतुर्दशपूर्वधर
मनुष्यों को
केवलि - समुद्घात केवलज्ञानी मनुष्यों आठ समय
को
11
असातावेदनीय कर्म से
कषाय नामक चारित्र
मोहनीय कर्म के कारण
आयुष्कर्म के कारण
वैक्रियशरीर नामकर्म के कारण से
तैजसशरीर नामकर्म के कारण से
आहारकशरीर नामकर्म के कारण से
आयुष्य के अतिरिक्त तीन अघातीकर्मों के कारण
॥ द्वितीय शतक : द्वितीय उद्देशक समाप्त ॥
[ व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र
परिणाम
असातावेदनीय कर्मपुद्गलों
का नाश
कषायमोहकर्म के पुद्गलों
का नाश
आयुष्यकर्म के पुद्गलों का
नाश
वैकिय शरीर नामकर्म के
पुराने पुद्गलों का नाश और नये पुद्गलों का ग्रहण
तैजसशरीर नामकर्म के पुद्गलों का नाश
आहारकशरीर नामकर्म के पुद्गलों का नाश आयुष्य के सिवाय तीन अघाती कर्म के पुद्गलों का नाश