Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 272
________________ [ २३१ द्वितीय शतक : उद्देशक - ५] 'हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है, भगवन् ! यह इसी प्रकार है,' यों कहकर भगवान् गौतम - स्वामी श्रमण भगवान् महावीर को वन्दन - नमस्कार करते हैं। 1 विवेचन—राजगृह का गर्म जल का स्रोत : वैसा है या ऐसा ? प्रस्तुत सूत्र में राजगृह में वैभारगिरि के निकटस्थ उष्णजल के स्रोत के सम्बन्ध में अन्यतीर्थिकों के मन्तव्य को मिथ्या बताकर भगवान् का यथार्थ मन्तव्य प्ररूपित किया गया है 1 ॥ द्वितीय शतक : पंचम उद्देशक सम्पूर्ण ॥

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