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जमीसो० जनल आफ दी मीथिक सोसाइटी-बंगलोर । जर।एसा० जनरल ऑफ दी रायल ऐसियाटिक सोसायटी-लंदन।
जैका०= जैन कानून ' (श्री. चम्पतराय जैन विद्याबा. विजनौर १९२८)।
जैग०=" जैन गजट ' अंग्रेजी (मद्रास )। जैप्र०=जैनधर्म प्रकाश ब्र० शीतलप्रसादजी (बिजनौर १९२७)। जैस्तू०-जैनस्तूप एण्ड मदर एण्टीकटीज ऑफ मथुरा-स्मिथ । जैसासं०='जैन साहित्य संशोधक' मु० जिनविजयजी (पूना)। जेसिभा०-जन सिद्धान्त भास्कर श्री पद्मराज जैन (कलकत्ता)।
जैशि सं०='जैन शिलालेख संग्रह'-प्रो० हीरालाल जैन (माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला।
जैहि० जैन हितैषी सं० पं० नाथूरामजी व पं० जुगलकिशोरजी (बम्बई )।
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डिजैवा०= ए डिक्शनरी ऑफ जैन बायोग्रफी' श्री उमरावसिंह टॉक (आरा)।
तक्ष०='ए गाइड टू तक्षशिला'-सर जान मारशल (१९१८)। तत्वार्थ-तत्वार्थाधिगम् सूत्र श्री उमास्वाति S. B. J. Vol. I
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