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५८ नूतन वर्षाभिनंदन ६ नूतन वर्षाभिनंदन हो
राजमंडली ने हम ५६ धर्म-मर्म ४ धर्म-मर्म का बजे नगारा ६८ ६० वड़वा आश्रम के प्रति ६ बड़वानी वाड़ी लीली
छम रहो रेलो ६६ ६१ सद्गुरु महात्म्यपद ५ अहो ! सत्पुरुष ना वचनो ७० ६२ , ५ अहो सत्पुरुष के वचनो ७१ ६३ मुमुक्षु कर्तव्य पद ३ बीजुकशुं मा शोध केवल ७१ ६४ सत्पुरुष लक्षण पद १ मनोवृत्ति वहे निराबाध ७२ ६५ सत्शिक्षा पद६ अहो ! परम शान्त रसमय ७२ ६६ दिव्य संदेश पद २ उपयोग लक्षणे सनातन स्फुरित ७३ ६७ प्रेरणा पद ४ आ जगत ने रूडु बतावा ७४ ३८ अंतिम मांगलिक प्रार्थना ॐ परम कृपालु देव ! ७५ ६६ दिव्य संदेश ३ सहजात्म स्वरूप परमगुरु ७७ ७० भावना ४ हे काम ! जा बेकाम रे निर्लज ७७ ७१ आत्म-सिद्धि १४२ जो स्वरूप समझे बिना ७८-६१ ७२ षट पद रहस्य १ सद्गुरु स्तुति ८ परम कृपालदेव प्रभु ६२
२ हरिगीत छंद ७ आ शुबधुं छे ? ६३
३ आत्म अस्तित्व ३ तन वस्त्रादिक छेज जो ६४ डा ४ आत्मा पद ६ हुँतो आत्मा छजड़ शरीर नथी ६४
५ आत्म नित्यत्व ११ अनादि देहाध्यास थी ६५ 7६
६ नित्य छु नित्य छु १६
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