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१५ सामान्य जिन स्त०५ अवलंबन हितकारो २६५ १६ , ५ चाहूँ शरण तुम्हारो २६ १७ श्री सीमंधर स्तवन ४ हंसा ! महाविदेह तू जा जा ३० १८ ज्ञान आराधन पद ७ ज्ञान भणो इक तान ३० १६ सिद्धान्त रहस्य तीर्थवंदना १३ सिद्ध पद निज सम अछे ३१
(स्वोपज्ञ टिप्पण सह) २० भाव दीवाली स्तवन ३ दिल मा दिवड़ो थाय ३८ २१ दीवाली अध्यात्म स्वरूप है मेरे दिल को दीया बना ३६ २२ अंतरंग पूजा रहस्य ११ नित प्रभु पूजन रचावु ३६ -२३ प्रभु के अनन्त नाम ५ प्रभु तारा छै अनंत नाम ४० २४ प्रभु मिलन स्तवन ६ कहो सखि प्राणेश्वर किम० ४१ २५ आर्त्त विनंति हो प्रभुजी मुझ भूल माफ करो ४१ २६ दादा जिनदत्त स्तोत्र (प्राकृत) ५ ॐ ह्रीं गिव्वाणचक्क ४२ २७ श्रीजिनदत्तसूरि अष्टपदी शासन नायक वीर ४३ २८ श्री जिनचन्द्रसूरि स्तवन ५ चन्द्रसूरि गुरुदेव ४६ २६ मंगल प्रार्थना ३ ॐ ह्रीदत्त कुशल चन्द्र सूरि ४७ ३० शिक्षा-गुरु स्तुति ४ मेरे गुरु रटें मंत्र नवकार ४७ ३१ , ५ अहो म्हारा उपाध्याय भगवान ४८ ३२ दीक्षा शिक्षा गुरु स्तुति ७ वंदना वंदना वंदना रे गुरु ४६ ३३ , ४ गुरु समता रसभंडार है ५० ३४ , ४ मेरे गुरु पाठक लब्धि निधान ५० ३५ , ४ हंसा ! मंडनपुर तू जा ५१
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