Book Title: Pooja ka Uttam Adarsh
Author(s): Panmal Kothari
Publisher: Sumermal Kothari

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Page 21
________________ अर्थ है-अपने मुनिराजो को घानी में पिलवाना, अपने अमूल्य शास्त्र-भडारो को जलवाना, अपने स्वाध्याय पोषक धार्मिक स्थानो को तुड़वाना और अपने भाइयो को विधर्मी वननकी मजबूरी में गिरने देना। यह कृत्य चारित्र्य की हानि ही नही प्रत्युत भीपण हिंसा का उदय है। इसलिए जैनी वचाव के लिए खून की आखिरी वूद को भी वहा देना उचित समझता है। देश को बचाना, चारित्र्य मार्ग को चचाना है। सारांश यह कि चारित्र्य रक्षा के निमित्त उस पर खतरा उत्पन्न करने वाले पचेन्द्रीय जीवोकी प्राण-हानि हो जाय तो भी वह (प्राण हानि) हिंसा की कोटि में नहीं रखी जा सकती बल्कि कर्तव्यपरायण श्रावक के लिए तो सच्ची अहिंसा ही है। इसे गभीरतापूर्वक समझने की महती आवश्यकता है । जैनी एक निर्दोप चीटी को भी मारना महान् पाप समझता है तो परिस्थिति उत्पन्न होने पर किसी तरह की प्राण-हानि को भी पूर्ण 'अहिंसा' की ही कोटि में रखता है। यही उसके स्याद्वाद की महान् विशेषता है । इसी अनेकान्तवाद के आधार पर वह आज संसार में अजेय खडा है। रोग से रक्षा :-प्रश्न उठ सकता है कि किसी मुनिराज का जीवन यदि रोग के कारण खतरे में पड गया हो तो ऐसी हालत में, उनको बचाने की दृष्टि से किसी जीव की हत्या के सहारे उनका उपचार किया जा सकता है ? एक जीव की प्राण-हानि यदि एक चरित्रवान को बचा देती है तो चारित्र्य रक्षा या वृद्धि को देखते हुए ऐसी प्राणहानि को क्या अहिंसा की कोटि में रख सकते है ? प्रश्न विचारणीय है। एक तरफ चारित्र्य वृद्धि सामने है तो दूसरी तरफ निश्चित रूप से हत्या । ऊपर विचार कर चुके हैं कि चारित्र्य रक्षा के लिए जरूरत आ पड़े तो दिल खोल कर वाधको की प्राण-हानि की परवाह किये विना कार्य करें। परन्तु इसका यह अर्थ कदापि नही कि निर्दोषो की हत्या की जाय या अन्य उपाय रहते हुए भी,कार्य को शीघ्र सम्पन्न करने की आशा में पहले ही यह रास्ता अपनालें। यह तो अपने वचाव भर के लिए एकदम अन्तिम साधन है। __ महात्मा गाधी ने अथक प्रयास किया कि पाकिस्तान पागलपन न करे, शान्ति से रहे परन्तु वह न माना। अन्त मे जब वह छाती पर चढ बैठा तब महामानव ने कहा-"नेहरू ? काश्मीर को वचा।" पाकिस्तान के इतने बुरे रवैये को देख कर भी ऐसा नहीं कहा कि पाकिस्तान को रोद डाल। जव नेहरूजी ने देखा कि काश्मीर को बचाने के लिए शक्ति को काम में लेने के सिवाय और

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