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रूप से सुरक्षित है । यह उदार दृष्टिकोस भगवान की साधना अत्यन्त आवश्यक है, जो व्यक्ति जितना महावीर के समतावादी सिद्धांत का ही क्रियान्वयन संयमी होगा वह उतना ही अधिक समाधान और
राहत प्राप्त करेगा। भारतीय संस्कृति ने सत्ता संयम महावीर द्वारा प्रदत्त मौलिक और और सम्पत्ति के स्थान पर हमेशा त्याग, तपस्या महत्वपूर्ण सूत्र है, जीवन की जटिलताओं और और संयम को महत्व दिया है। इस महत्व को कठिनाईयों से राहत पाने का दिशा दर्शन इससे सम्यम् रूप से समझकर महावीर के मूलभूत प्राप्त होता है, अभाव, महंगाई आदि समस्याओं सिद्धांतों पर बल दिया जाए और तदनुरूप का समाधान भी संयम से ही प्राप्त किया जा आचरण किया जाय तभी राष्ट्रीय चरित्र का सकता है, आज सभी देशवासियों के लिए संयम निर्माण किया जा सकता है।
ठाना, जिला-सागर (म० प्र०)
महावीर के सिद्धांत
अहिंसा मात्र रसोईघर तक सीमित रखने की वस्तु नहीं है वरन् अन्तर्बाह्य सभी रूपों में स्वयं अपना व अन्य सभी मानव मानवता प्राणियों का अहित न करने सम्बन्धी सजगता के रूप में व्यापक है।
अपहिग्रह दर्शन, शास्त्र और व्याख्यानों मात्र का तत्व नहीं है।
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