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महावीर के जन्म दिवस की शुभ बेला आई
प्रसारण,
महावीर के जन्म दिवस की शुभ बेला आई | हुआ जब अत्याचार चारों ओर नदियाँ लगी बहने खून की अज्ञान के कारण । तब कुण्डलपुर में त्रिशला सिद्धार्थ के भवन, जन्मे वीरप्रभु दूर करने मिथ्यात्व के भ्रमण |
वीर प्रभु के आगमन से पावन धरा हुई । महावीर के जन्म दिवस
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को अपनाया,
राज ताज छोड़ प्रभु ने जंगल नहीं मात पिता, सुख-संपत्ति का ध्यान आया । सम्यक्त्व की किरण से स्व-पर का प्रकट भेद दिखाया, मोह निद्रा में सोये जग को दिव्य ध्वनि से जगाया । वर्द्धमान ने सन्मति की शीतल गंगा बहाई | महावीर के जन्म दिवस
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मानव ही दानव बना रक्षक ही भक्षक, वीर ने सिखाया सब को धर्म अहिंसा का सबक । शिवपुर के पथिक ने बनकर ज्ञान की मशाल, छाये हुए अंधेरों को मिटा दिया तत्काल । 'जीवो प्रोर जीने दो सभी को लेकर संदेशा भाई । महावीर के जन्म दिवस
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सुश्री हेमलता जोहरापुरका
सुख, शान्ती अरु प्रेम का प्याला हमें पिलाया, अति वीर ने जिन धर्म का झण्डा ऊँचा फहराया । मानव को वीतरागता का पाठ पढ़ाया, मर्म आत्म धर्म का सब जग को बताया । 'अमर है यह धर्म' गूंज उठी शहनाई । महावीर के जन्म दिवस
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