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जाती है। हर दसवें दिन यह कार्य किया जाता जस्म और कडापन पैदा करता है। अण्डे के जहर है। इस तरह जल्दी ही वह जानवर जीवन से के कारण दिल की बीमारी, ब्लडप्रेशर, गुर्दे की हाथ धो लेता है।
बीमारी, पित्ताश्मरी आदि हो जाते हैं। इस्ट्रोजन-यह गर्भवती घोड़ी के मूत्र से
फलों व सब्जियों में कोलस्टोल बिल्कुले बनाई जाती है । इसके प्राप्त करने को घोड़ी को
नहीं होता। सदैव गर्भवती रखने का प्रयत्न होता है और गर्भ धारण करने में असमर्थ होने पर इसे मार दिया उपयुक्त प्रकार की यह जानकारी सवको प्राप्त जाता है। यह बस्तु सौन्दर्य प्रसाधन के लिये कराई जा
__ कराई जा सके, इस हेतु एक संस्था का गठन हाल बनने वाली सामग्री में प्रयोग की जाती है। अकेले
ही में किया गया है, जिसका नाम रखा गया है अमेरिका में कासमैटिक्स का सालाना खचे "पश करता निवारण समिति ।" 5 मिलियन डालर (करीब 4 करोड़ रुपया) है। इंगलैंड में मेकअप पर करीब 100 मीलीयन पौंड इस संस्था का लक्ष्य मूक पशु एवं पक्षियों के खर्च होता है । सारे देश में करीब 1200 कारखाने प्रति होने वाली सभी प्रकार की हिंसा व क्रूरता हैं, जिनमें साज सज्जा और प्रसाधन की ये सब का पता लगा कर उसे रोकना तथा उसके विरूद्ध सामग्रियां तैयार होती हैं, जिनमें न केवल प्राण जागरूक जनमानस बनाना है। सरकारी स्तर हिंसा की जाती है अपितु क्रूरता की चरम सीमा पर भी मांसाहार के कार्य में कमी भावे, इस हेतु भी लांघ दी जाती हैं।
राजस्थान सरकार ने वर्ष में 14 प्रमुख दिनों के
लिए अगते घोषित किये हैं, जो निम्न अाज प्राकृतिक, स्वाभाविक व वास्तविक
लिखित हैं :सुन्दरता का ह्रास होता जा रहा है और उसका स्थान लेने के लिए कृत्रिम साधन खोजे जा रहे हैं 1. 26 जनवरी 2, 30 जनवरी 3. महा शिव जो आमतोर पर हिंसात्मक होते हैं। कृत्रिम रात्रि 4. राम नवमी 5. महावीर जयन्ती 6. बुद्ध साधनों से सुन्दरता बढ़ती है, यह भ्रांति है । सच
जयन्ती 7. गणेश चतुर्थी 8. ऋषि पंचमी 9. तो यह है कि स्वस्थ शरीर निविकार मन और अनन्त चतुर्दशी 10. कृष्ण जन्माष्टमी 11. पन्द्रह मधर स्वभाव का सम्मिलित प्रभाव ही सुन्दरता अगस्त 12. गांधी जयन्ती 13. दीपावली 14. बनकर मुख पर चमकता है।
गुरू नानक जयन्ती। आज अण्डे का उपयोग भी खूब बढ़ा है । एक
इन दिनों में मांस की दुकानें व कत्लखाने अण्डे में कोलस्ट्रोल की मात्रा लगभग 4 ग्रेन होती है । यह एक भयानक जहर है, जो अण्डे खाने
बन्द रखने का प्रावधान है। मांसाहारी होटलों में वाले के शरीर में पहुंच कर उसके खून में मिलता
कानूनन मांस की व्यवस्था वर्जनीय है । है और अनेक बोमारियों का निमित्त बनता है।
साथ ही सरकारी कानून वन्य जीव संरक्षण यह तथ्य अनेक डाक्टरों की खोज का परिणाम है।।
हा अधिनियम 1972 के मातहत विभिन्न प्रकार के अण्डे की सफेदी के प्रयोग से लकवा, चमड़ी जीवों का शिकार व हिंसा अपराध है। इनका की सूजन और एक्जीमा होता है । अण्डे के पीलेपन पालन हढ़ता से हो, इसके लिए समिति निरीक्षक में निहित यह जहर यकृत में जमा होकर रगों में नियुक्त करने का कार्य भी हाथ में ले रही है।
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