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हम भूख से नहीं मरेंगे । लाशों को खासना भोजन या बलि के लिए पशु-संहार मनैतिक कितना अनावश्यक व मूर्खतापूर्ण हैं। 70 वर्ष कर्म है। से भी अधिक शाकाहारी रहने के विषय में मुझे
- कन्फ्यूशियस कुछ भी नहीं कहना है । परिणाम लोंगों के सामने हैं।
मांसाहारी मानव, परतछ राक्षस अंग।
तिनकी संगति मत करो,परत भजन में भंग ।। -- जार्ज बर्नार्डशा
- संत कबीर शारिरिक, बौद्धिक तथा प्राध्यात्मिक शक्तियों का सम्पूर्ण विकास केवल उसी व्यक्ति का हो
मेरे लिए कितने सुख की बात होती, यदि सकता है जो मांस और रक्त से निर्मित वस्तुओं
__ मेरा शरीर इतना बड़ा होता कि मांसाहारी लोम का सेवन न करें।
मेरे शरीर को खाकर संतुष्ट हो जाते ताकि वे
फिर दूसरों को मार कर नहीं खाते। . -राल्फ वालगे ट्राइन
- सम्राट छकबर (माइने अकबरी) मांस अथवा उससे निर्मित किसी भी प्राहार में ऐसे कोई भी पोषक तत्व नहीं पाये जाते जो सभी प्राणी चाहें वे मनुष्य हों, पशु हों, बन्धु शाकाहारी भोजन अथवा वनस्पतियों में विद्यमान बान्धवों की भांति और सनातन धर्म विधि के न हो।
प्रसंग में प्रांतरिक रूप से जुड़े हैं जैसे एक व्यक्ति
अपने सम्बन्धी का मांस नही खायेगा उसी तरह - डा. एच. कलौग
मांसाहार से भी परहेज किया जाना चाहिये । यदि दुनियां से युओं को मिटाना है तो मांसा
- दलाईलामा लंकावतार हार को मिटाना होगा।
शिवमस्तु सर्व जगतः परहित निरता भवतु गणाः
- डा. राजेन्द्र प्रसाद दोषाः प्रयांतु नाशं, सर्वत्र सुखी भवंतु लोकाः विभिन्न धर्म क्या उपदेश देते हैं ?
ईश्वर ने मनुष्य के लिए विभिन्न खाद्य पदार्थ
किसी भी प्राणी को पीड़ा मत दो। उपलब्ध किये हैं मगर अज्ञानता व लालचवश वह
- यजुर्वेद जीवित प्राणियों का विनाश करता है।
जब हम किसी को जीवन दे नहीं सकते, हमें -सूफी
किसी का जीवन छीनने का अधिकार नहीं होता। मैं बलि और रक्त के त्योहार बन्द करने
- मनुस्मृति पाया हूं और यदि तुम मांस का उपहार और मांसाहार बन्द नहीं करते हो तो तुम्हारे प्रति वह स्वार्थी है जो यज्ञों अथवा और किसी ईश्वर का क्रोध भी कम नहीं होगा। किसी प्राणी कारण से मांस भक्षण का लोलुप होकर पशुओं की हत्या न करो।
का संहार करता है। - जीसस
-महा भारत
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