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(३)
मजाल बछिया के बाबा कान हिलावें अब हम इस ऊंटी ज्योतिष का अन्धेरा प्रश्नोत्तर के तौर लिखक र दूर करते हैं
(प्रश्न) क्या ज्योतिष सत्य शास्त्र है या ऊंटी बानहै (उत्तर) ज्योतिष सत्य शास्त्रों में से एक सन्य शास्त्र और वेद का अंग है परन्तु सूर्य सिद्धान्त आदि ग्रन्थ नोव शिष्ट प्रादि ऋषि मुनियों के रचे हुए हैं वे सत्य हैं उन मिं गणित बिद्या नक्षत्रों के घूमने आदि का वर्णन है और यह जो मुहूर्त चिन्ता मरिण और जन्म पत्र फ तादेशादि ग्रन्थहै यह स्वाथी मनुष्यों ने बनाकर उन पर ऋषि मुनियों के नाम लिख मारे इनको कभी नमा नना चाहिये क्योंकि वह वेद बिरुद्ध होने से माननीयनही (( प्रश्न) वाहजी वाह सूर्य सिद्धान्त आदिको कोई भी नहीं जानता आज कल तो जो लोग काशीजी परकर • प्राते है बह भी उनहीं ग्रन्थों को पढ़ कर आते हैं जिन को तुम ऊंठे कहते हो फिर वह ज्योतिष और वह ज्योतिषी ऊंठे किस तरह हो सकते हैं (उत्तर) काशी के पढ़ने हीसे कोई ज्योतिषी नहीं हो सकता सत्यशास्त्र सत्य विद्या के पढ़ने से सच्ची | विद्या आसकती है चाहे वह कही भी किसी वि द्वान से पढ़े भला जो कोई काशी में पढ़ने को जावे और पादरियों के मिशन स्कूल में इनजील
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