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(उत्तर) मनुष्य का विवाह पत्थर वृक्षसे कैसा और फिर पत्थर बृक्षके होते उसकी स्त्री का दूसरे के साथ विवाह करदें परन्तु सच्चे पत्ती के मरने पर भी दूसरा विवाह न करने दे बाहरे जोतिशफलन गुडे गुडीके बिवाह में भव्वा दोनेो एकसे तोडुग्ने हैं बादजी तुम्हारी भीवोही बानवे गीदड़ी आपतो कुत्तों से फड़चाई ह परन्तु औरों को शकुन वेनावे इनसे कोई पूछे कि तुम्ह रही घरोमें जिनके घुर्की मोरुसी जोतिश विद्याहै
सहस्त्र। बाल बिधवा बैठी हैं तुमने तो बिचारने में कोई भी कसर नरखी होगी हठको छोड़ कर देखे बाल बिधवा बाल्य बिवाह करनके कारण होती हैं जो वेद धर्म शास्त्रों के बिरुद्ध है देखो चैत्र मासमें जितने फल आंबट पर होते हैं आयांद मासमें उससे सोचा संस भी नहीं रहते इससे यह जानना कि बालक जन्मसे बीस बर्ष तक बोहत मरते हैं और बीस से तीस तक थोड़े मरते हैं यहबान मरदम शुमारी और देशके फोनी नामोंमें भले प्रका र मालुम हो गई है भला विचार तो करो परसोंको न भूख लगे और आज रोटी बना कर घरदेंतो सुना नहीं तो क्या है कुत्ता बिल्ली - प्रादिकी से कडों चिंता है देखा जो भारत की जीती राज प्रनादि
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