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महात्मा बुद्ध।
Oविक्रमी सम्बत से 900 वर्ष पहिले कपिलवस्तु नामक राज्य की राजधानी कपिलवस्तु नगर में महात्मा बुद्ध का जन्म हुमा पा । श्राज कस्ल की अवध सीमा के उत्तर, नेपाल-पर्वतों के ठीक नीचे यह राज्य था।
लङ्का में एक अन्य महावंश नाम का है । उसमें बुद्ध पैदा होने का वर्ष विक्रमी सं० से ५६६ वर्ष पहिले और निर्वास ४६ वर्ष पूर्व लिखा है, और महानिर्वाण ८० वर्ष पोले। कई एक यूरोपियन विद्वानों ने इसकी जन्मतिथि ४२३ वर्ष वि०पू० (४० ई०पू० ) सिद्ध करना चाही, और निर्वातिथि ठीक ८० साल बाद । हम सब में लंका के महावंश का महत्व विशेष है। यह ग्रन्थ पाली भाषा में लिया गया। यह ग्रन्य सं० १६ और ५३४ के बीच में लिखा गया घा, इस कारण प्राचीन है, और प्राचीन होने ससा, तरतीबबार बात है सकार रस की तिविधिक मानने के योग्य है । कपिलवस्तु में सूर्य वंशोपत्रिों की शाम ज्ञासा राज्यशासन करती प।। इन्हें गौतम भी कहते थे । बुद्ध जी के पिता का नाम
विषमी समान की पांचों मतादी पादि में फाहियान नामक एक च! - यात्री भारत मा था। उस समय कपिलवस्तु उजाड हो गया था। इम के दा मी वर्ष बाद लगमन सम्बन र विक्रमी मनसेने मी इन संडारों को दंम्बा था ।
.नको बसोया तम्बाता २.राजा मह.भोर पवन का नकद .मोनको परिधि में पतलाता है । यह चतुर्कोट उम समय माफदिखाई देता । न खंडगे में बोमानेपन को बरको माता का नयनागारमा गम चयन का मग चिन्हाया था।
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