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एक यंत्र भी हम तुमको लिख देंगे उसको गूगल की धूनी देकर पगड़ी में बाँध लेना राजा तेरी ही बाणी बोलेगा और एक और भी हम बतलाते हैं किसीसे इन बातों को प्रकट न करना कभी पीछे पछता ओ और हम को दोष दो परन्तु यजमान रुपये डे ढ़ सो लूंगा और लूंगा कारज सिद्ध होने से दो दिन पीछे जब तू प्रसन्न हो कर देगा और जो समग्री अनुष्ठान में खर्च होगी वह हम अभी लिख कर देते हैं गुपचुप प्रापही जाकर बाज़ार से ले आओ और हाँ भूल गये एक कष्ठ तुमको भी उठाना पड़े गा वह यह है कि तुमको प्रतिदिन पीपल सीचना होगा और हम ऐसे वैसे पण्डिन नहीं कि योंही मांगने फिरने हों हमारी प्रतिज्ञा यह है कि कार
सिद्ध न होतो देवता को उलटा बाँधकरलटका दं चलो इन्होंने डेढ़ सौ की साई यहाँ चबाई औ र दूसरे से दो सौ की चिप्पी जमाई दोनों मेंसेए क कोजीत तो होनी हीथी, जो जीना उसने तो ज्यो नयी जीकोथैली मुका दी और आगे को इस घरमें और घरके मित्र आदि में रोज रोज को ज्योती नी की मानता हो गई चलो दिशा बाधा भीज्योत बी जीको पूंछ कर ही जाने लगे रहे अब हार न वाले के ज्योती बोले कि महा राज शास्त्रतो
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