________________
(
७
.
नुम को शत्रु का बड़ा डर रहताहै किसी को सर कारी नौकर देखातो कहा नेरी राज दरबार में एक आसा लग रही है परन्तु तुमको लाभ हो गा किसी के घरमें घुसगये भोर बुदिया सेकहा कि तेरी बहु कपात्रहै नेरी सन्नान नेरी थाना कारी नहीं रही इत्यादि मन लगती बातें कहकहा करपागेको आठवें बारहवें सूर्य चांद आदिग्रहों का भय दिखा कर अपना लेलेने का पंजाजमा लेनेहैं बहुत से परदेश में गुप्त क्रिया से मालूम कर लेते हैं कि अमुकने अमुक मनुष्य कीभा ठ हजार रुपये की नालिश अदालत में दायर कररकवी, वसएफ ज्योतषी वीस गज की पग डी बाँध नीची धोती बगल में पोथी पोपदेवके गाती मुद्दई के घर पहुंचा और दूसरे उसीकेसा थीने बहीरुप बना मुद्दाले के दरवाजे कोजा घरा दोनों ने दोचारगुप्त क्रिया की पूंछीगछी दुई बातें कह कहाकर कट कह दिया कि एक मनुष्यने राज दरवार में नमपर द्रव्य की नालिश कर दीहै और उसका ग्रह तुमसे प्रबल पड़ा हुवाहै उसकी जीत होगी परन्तु तुम घबरानो मनि हम ऐसा जप करदेंगे कि श्रीगंगाजी करे गी देवता के प्रताप से तुम्हारी जीत होगी और
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com