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सर्वेनेनरकंयान्निदृष्टाकन्यारजस्वलार यहसयोनिर्मित ब्रह्मपुराणकाबचनहै अर्थनिननेसमयमैपस्माणुऐकपलगवावे उननेसम यकोक्षाकदतेजवकन्याजन्मेंतवएकक्षणमेंगो से दूसरे में रोहिणी तीसरेमें कन्या पोरचौथे रजस्व लामोजानीहै उमरजस्वलाकोदेखके उसीकीमानापि नाभाईबहन सबनरक में जाने (प्रश्न)यहलोकप्रमाणनहीं
उत्तरगंप्रमाणनहींक्यापलाजीके लोकप्रमाण नहींनोतुम्हारेभीप्रमाणनही होसक्ने . (प्रश्नावाहवाहपाराशरोरकाशीनाथकाभीप्रमाण नहीकरने
उत्तर)वाहजीवाहतुमब्रह्माजीकाप्रमाणनहीं कर निसाबह्माजीपराशरस्त्रीरकाशीनाथसे बड़ेनहीं हैंजोतु मलानी केवलोकांकोमहीमाननेनोहमभीकाशीनाथ पराशरके श्लोकोंकोनहींमानने प्रश्नानुसार लोकसंभवहोनेमेप्रमाणनहीं क्योंकि सहलाक्षणजन्मसमयमेहीहोजाते हैं विवाहकैसेहो सकलाहोरउमसमयविवाहकरनेका कुछफलभी || नोंदीरखना उत्तर जोहमारेश्लोक-प्रसंभवहैं नोनुसारेश्लोकभी ।
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