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कोषकार का वक्तव्य
मौर नम्र निवेदन
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इस कोष जैसे महान कार्य को हाथ में लैना यद्यपि मुझ जैसे अति अल्पक्ष और अल्पबुद्धी साधारण व्यक्ति के लिये मानो महासमुद्र को निज बाहुबल से तिरने का दुःसाहस करना है तथापि जैन समाज में अतीव आवश्यक होने पर भी ऐसे कोष का अभाव देख कर
और यह विचार कर कि "मैं अपने जीवन भर में कम से कम यदि शब्द-संग्रह करके उन्हें अकारादि क्रम से लिखदेने का कार्य ही कर लूँगा तो अपने लिये तो अनेक ग्रन्थों की स्वाध्याय का परम लाभ होगा और शब्द संग्रह अकारादि क्रम से हो जाने पर जैन समाज के कोई न कोई धुरन्धर विद्वान् महानुभाव उन शब्दों का अर्थ आदि लिख कर इसकी चिरवाञ्छनीय आवश्यक्ता की पूर्ति कर देंगे”, मैंने शब्द संग्रह करने का कार्य प्रत्येक विषय के अनेकानेक जैन ग्रन्थों की स्वाध्याय द्वारा शुभ मिती ज्येष्ठ शु०५ (श्रुत पंचमी ) श्री धीरनि० सं० २४२५ (शुद्ध वीर नि० सं० २४४४ ) वि० सं० १९५६ से प्रारम्भ कर दिया । और जैन प्रन्थों का पर्याप्त भण्डार संग्रह करने में बहुत सा धन व्यय करके रात दिन के अट्ट परिश्रम द्वारा लगभग पांच सहस्र जैन पारिभाषिक शब्द और लगभग डेढ़ सहस्र जैन ऐतिहासिक शब्द संग्रह करके और उन्हें अंग्रेजी | कोषों के ढंग पर अकारादि क्रम से लिख कर मैंने इसकी एक सूचना जैन मित्र में प्रकाशनार्थ भेज दी जो ता० १६ नवम्बर सन् १९२२ ६० के जैनमित्र वर्ष २४ अङ्क ३ के पृष्ठ ४०, ४१, ४२ पर प्रकाशित हो चुकी है, जिसमें मैंने अपनी नितान्त अयोग्यता प्रकट करते हुए जैन विद्वन् मण्डली से सविनय प्रार्थना की थी कि वह इस महान कार्यको अर्थात् संग्रहीत शब्दों का अर्थ और व्याख्यादि लिखने के कार्य को अब अपने हाथ में लेकर उसे शीघ्र पूर्ण करने या कराने का कोई सुप्रबन्ध करे । इस प्रार्थना में मैंने यह भी प्रकट कर दिया था कि मैंने यह कार्य पारमार्थिक दृष्टि से स्वपरोपकारार्थ किया है, अतः मैं अपने सर्व परिश्रम और आर्थिक व्यय का कोई किसी प्रकार का बदला, पुरुस्कार या पारितोषिक आदि पाने का लेशमात्र भी अभिलाषी नहीं हूं। केवल यही अभिलाषा है कि किसी न किसी प्रकार मेरे जीवनही में यह कार्य पूर्ण होजाय तो अच्छा है। उस लेखमें मैंने इस कोष की तैयारी के लिये शब्दार्थ आदि लिखे जाने की एक संक्षिप्त “स्कीम"[Scheme]अपनी बुद्धधनुसार दे दी। थी। मुझे आशा थी कि जैन विद्वान् मण्डली, या किसी संस्था अथवा दानवीर सेठों में से किसी न किसी की ओर से मुझे शीघ्र ही यथोचित कोई उत्तर मिलेगा जिसके लिये मैं कई
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