________________
एस धम्मो सनंतनो
जुर्म के लिए माफ भी किया जा सकता है। तुम तरकीबें खोज लोगे। तुम उपाय खोज लोगे। और ऐसा नहीं कि तुम जानकर यह कर रहे हो, खयाल रखना, यह सब अनजाने हो रहा है। तुम्हें पता ही न चलेगा, यह चुपचाप अचेतन का खेल है जो तुमसे करवा लेगा। लोग जब तक होश में न हों तब तक अचेतन की बड़ी शक्ति होती है। सहज ही हो जाता है। ___ समझो कि एक सुंदर स्त्री अदालत में खड़ी है, उस पर मुकदमा चल रहा है, तुम्हारा मन सहज ही उसे कम सजा देने का होगा। नहीं कि तुम सोच रहे हो ऐसा। लेकिन सुंदर स्त्री अगर तुम्हें आकर्षित करती है, तो स्वभावतः तुम कम सजा दोगे। ___ इस बात को सारी दुनिया समझ गयी है। इसलिए पश्चिम के देशों में दुकानों पर चीजें बेचने के लिए आदमी हटा लिए गए हैं, औरतें आ गयी हैं। यह बात समझ में आ गयी। ,
समझो कि तुम एक जूते की दुकान पर जूता खरीदने गए हो और एक सुंदर स्त्री अपने सुकोमल हाथों से तुम्हें जूता पहनाती है—तुम्हारा पैर साफ करती, जूता पहनाती-जूता गौण हो गया, उसके सुंदर हाथ, उसका सुंदर चेहरा, उसकी सुगंध महत्वपूर्ण हो गयी। और जब वह जूता पहनाकर तुमसे कहती है, कितना सुंदर लगता है! तो मुश्किल हो जाता है तुम्हें कहना कि नहीं-नहीं, काट रहा है। तुम भी कहते हो, हां, बहुत सुंदर। और जब वह दूर खड़े होकर तुम्हारे पैर को देखती है, निहारती है, जैसे इससे सुंदर पैर कभी उसने देखा ही नहीं, तब तुम जल्दी से खीसे में अपना हाथ डालकर पैसा देकर रास्ता पकड़ लेते हो। फिर अगर वह बीस रुपए के बाईस रुपए भी दाम बताती है, तो भी चलता है। इसलिए पश्चिम में दुकानों से आदमी हट गए, स्त्रियां आ गयीं। पाया गया है कि स्त्रियां सुगमता से चीजें बेच लेती हैं। जल्दी बिक जाती हैं चीजें।
इसकी जगह समझो कि एक आदमी होता और वह भी बदशकल होता, तो जूता काटने लगता। तुम पच्चीस जोड़ियां बदलते और जब वह बाईस रुपए कहता तो तुम कहते कि दुगुने दाम बता रहे हो, बारह रुपए से ज्यादा का नहीं है, दस रुपए से ज्यादा का नहीं है।
आदमी अचेतन से जी रहा है।
तो उन भिक्षओं ने जो देखा, ठीक ही देखा। वहां बहुत कुछ हो रहा था, जो न्याय के नाम पर हो रहा था और न्याय नहीं था। उन्होंने वहां देखा कि सत्य झूठ बताया जा रहा है, झूठ सच बताया जा रहा है-सच झूठ बनाया जा रहा है, झूठ सच बनाया जा रहा है। ___ अदालतों का काम ही यही है। वकालत का पूरा धंधा यही है। वकील की जरूरत इसीलिए है कि वह कैसे सच को झूठ बनाए, कैसे झूठ को सच बनाए। उसकी सारी कुशलता इसमें है। जो सच को ही सच कहे, जो झूठ को झूठ कहे, वह
20