________________
सत्य अनुभव है अंतश्चक्षु का
पहला प्रश्न:
सत्य क्या है?
इस का उत्तर नहीं हो सकेगा। इसका उत्तर हो ही नहीं सकता।
सत्य कैसे पाया जा सकता है, इसका तो उत्तर हो सकता है; विधि बतायी जा सकती है। लेकिन सत्य क्या है, उसे बताने का कोई उपाय नहीं। सत्य को तो स्वयं ही जानना होता है, दूसरा न बता सकेगा। और दूसरे का बताया गया सत्य न होगा। ऐसा नहीं कि दूसरे ने नहीं जाना है। सत्य जाना तो जा सकता है, लेकिन जनाया नहीं जा सकता।
प्रश्न महत्वपूर्ण है। लेकिन उत्तर की अपेक्षा न करो। उत्तर तुम्हें खोजना होगा। उत्तर मुझसे न मिल सकेगा। मेरी तरफ से इशारे हो सकते हैं कि ऐसे चलो, ऐसे जीओ, तो एक दिन सत्य मिलेगा। लेकिन सत्य क्या होगा, कैसा होगा, जब मिलेगा तो कैसा स्वाद आएगा, यह तो स्वाद आएगा तभी पता चलेगा। __ हम होशियार लोग हैं, हम गणित लगाकर चलते हैं, हम पहले पूछते हैं सत्य क्या है, ठीक पता चल जाए तो फिर हम खोज करें। इसीलिए तो बहुत कम लोग सत्य की खोज करते हैं।
277