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एस धम्मो सनंतनो
रही होंगी।
मगर क्यों सोलह हजार लिखी हैं? लिखी इसलिए हैं कि उन दिनों एक ही मापदंड था धनी का कितनी स्त्रियां? जितनी ज्यादा हों, उतना धनी। स्त्री से धन नापा जाता था, स्त्री को धन कहा जाता था। एक स्त्री, तो आदमी गरीब। जरा पैसे वाला हुआ तो दस-पांच। और पैसे वाला हुआ तो सौ दो सौ। चाहे उन स्त्रियों से उसका संबंध भी न हो। चाहे उन स्त्रियों से उसका कोई नाता भी न हो। लेकिन स्त्रियां इकट्ठी कर लेना जरूरी था—जितना बड़ा रनिवास, उतना बड़ा साम्राज्य।
समय-समय पर आधार बदल जाते हैं। जैसे अमरीका में किसके पास कितनी कारें हैं, वह आदमी उतना धनी। तुम्हारे पास एक ही कार वाला गैरेज है, तुम गरीब आदमी हो। दो कार वाला गैरेज है, तुम जरा बड़े आदमी हो। किस ढंग की कार उपयोग करते हो? शेवरलेट, तुम गरीब आदमी; केडिलक, लिंकन, बड़े आदमी। समय-समय पर धाराएं बदल जाती हैं। लेकिन कोई न कोई मापदंड बना रहता है। अब अमरीका में स्त्री से भी ज्यादा बहुमूल्य लगता है कार हो गयी। अगर किसी आदमी से कहो कि एक सुंदर स्त्री चुननी है कि एक सुंदर कार, तो वह कहेगा, स्त्री तो फिर कभी चुन लेंगे, पहले कार। और कार है तो स्त्री चुनने में सुविधा होती है, यह बड़ा मजा है!
मैंने सुना, एक युवक अपनी प्रेयसी को लेकर घर आया। उसके बाप ने लड़की देखी तो वह जरा दुखी हुआ। ढंग-ढौल की नहीं थी, शकल भी आकर्षक नहीं थी, बिलकुल घरेलू ढंग की थी। जब लड़की चली गयी तो उसने अपने बेटे से कहा कि मैं सोचता था कि तुझमें थोड़ी बुद्धि है, तू जरा ढंग से चुनेगा, सोचकर चुनेगा, यह कहां की लड़की चुन ली? उसने कहा, और क्या सोचते हो, वह पुराने ढंग की कार, फोर्ड का पुराना माडल, उसमें इससे बेहतर लड़की मिल सकती है?
अमरीका में अब किस युवक के पास कितनी कीमती कार है, उस पर निर्भर करता है कि उसे कितनी सुंदर लड़की मिल सकेगी। हो सकता है कार के चुनाव में भी पीछे स्त्री का ही चुनाव हो। और इस बात को विज्ञापनदाता ठीक से समझते हैं। इसलिए कोई भी चीज बेचनी हो, सुंदर स्त्री को खड़ा करना पड़ता है। __देखते हैं, अब कार से कुछ लेना-देना नहीं, कार का विज्ञापन है और खड़ी है एक सुंदर स्त्री उस पर हाथ रखे हुए, प्रसन्नचित्त ! उसमें एक लुभावना इशारा है कि अगर ऐसी कार तुम्हारे पास हुई, तो ऐसी स्त्री हो सकेगी। ऐसी स्त्री चाहिए हो तो ऐसी कार होनी चाहिए। कुछ कहा नहीं है विज्ञापनदाता ने, लेकिन एक इशारा कर दिया, अचेतन में एक बात डाल दी। स्त्री के सौंदर्य का उपयोग कार को बेचने में कर लिया। अब तो कोई भी चीज बेचनी हो तो स्त्री के सौंदर्य का उपयोग करना पड़ता है। सिगरेट बेचनी हो तो, शराब बेचनी हो तो, कुछ भी बेचना हो। क्योंकि आदमी गहरे में सिर्फ स्त्री को ही खरीदना चाहता है, और कुछ खरीदना नहीं चाहता।
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