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आचरण बोध की छाया है
दामों पर उसे बेचने वाले पैदा हो गए हैं।
समझने की कोशिश करना। चारों तरफ इस तरह के लोग हैं, जो तुम्हें बहुत सस्ते दामों पर विधियां दे रहे हैं। उन्हें खुद भी पता नहीं कि वे क्या कर रहे हैं!
अब यह प्रेमा जिनके पास जाकर विपस्सना सीखी, उन्होंने इसे विपस्सना सिखायी, यही काफी प्रमाण है कि उन्हें कुछ भी पता नहीं है। मैं यह नहीं कहता कि उन्हें विपस्सना की विधि का पता नहीं, टेक्निकल ज्ञान होगा, जरूर होगा: वह जानते होंगे कि क्या करना, कब करना, कैसे करना, लेकिन उन्हें स्वयं का अनुभव नहीं हो सकता। टेक्निकल ज्ञान एक बात है, स्वयं का अनुभव बिलकुल दूसरी बात है।
तुम ऐसा ही समझो कि एक आदमी ने किताब पढ़ी और किताब में देखा कि कार कैसे ड्राइव करनी होती है-सब पढ़ लिया, एक-एक ब्यौरा पढ़ लिया, लेकिन कभी कार ड्राइव नहीं की। इस आदमी के साथ गाड़ी में मत बैठ जाना अगर यह ड्राइव करने जाए तो! यह...यह पटकेगा कहीं, खतरे में ले जाएगा। इसने किताब में सब ब्यौरा पढ़ लिया है, इससे अगर परीक्षा लो तो यह परीक्षा बिलकुल दे सकता है लिखित, एक-एक चीज के ठीक-ठीक उत्तर दे देगा। लेकिन लिखित उत्तर एक बात है, और कार चलाना बिलकुल दूसरी बात है।
वर्षभर से प्रेमा परेशान है। करीब-करीब विक्षिप्तता जैसी हालत पैदा हो गयी है। हो ही जाएगी; सस्ते दामों पर विधियां देने वाले लोग उपलब्ध हैं। जिन्हें कुछ पता नहीं है। __ अब इस लड़की को कुछ पता नहीं था कि मामला क्या है? क्या नाम है, क्या मूल्य है, कुछ पता नहीं। सुना था बाप को कहते हुए कि नाम लेना हो तो जीवन देना पड़ता है, तो बेचारी छोटी लड़की, इसको माफ भी कर सकते हैं हम। लेकिन बड़े-बड़े भी यही कर रहे हैं। किताबों में पढ़ लिया है, किसी को सुन लिया है और फिर लोगों को बता रहे हैं। बचना उनसे! तुम्हारा जीवन मूल्यवान है और किसी के हाथ में खिलौना मत बनने देना। . प्रेमा के लिए प्रेम ही मार्ग है। ध्यान में पड़ना ही मत। कम से कम बौद्ध ध्यानों में तो पड़ना ही मत। उनसे खतरा होगा, उनसे नुकसान होगा। आमतौर से जैन और बौद्ध ध्यान स्त्रियों को ठीक नहीं पड़ते-आमतौर से। ये दोनों ही मार्ग पुरुषों के मार्ग हैं।
इसलिए.जैन-शास्त्र तो कहते हैं कि जैन-मार्ग से कोई स्त्री कभी मोक्ष को नहीं जाती। पहले उसे पुरुष-पर्याय में जन्म लेना पड़ेगा, तब मोक्ष जाएगी। पुरुष ही मोक्ष जाते हैं, स्त्रियां मोक्ष नहीं जाती। स्त्रियां भी जाती हैं, मगर पहले उन्हें एक दफा आना पड़ेगा पुरुष होकर और फिर मोक्ष जाएंगी; सीधी स्त्री मोक्ष कभी नहीं जाती। __ इसमें कारण है। इसका यह मतलब नहीं है कि सीधी स्त्री मोक्ष नहीं जाती है, मैं तुमसे कहता हूं, जाती है। मीरा गयी, सहजो गयी, दया गयी, लल्ला गयी, बहुत
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