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परिभाषा |
ऐसाहि । य + अ = १ - कल + २ग यह दिखलाता है कि य+,
र
- क और ल + २ग इन तीनों का मोल समान है ।
(३) जिन दो पदों के बीच में < यह वा > यह चिह्न रहता है उन में जो पद चिह्न के अय की ओर रहता है वह दूसरी ओर के पद न्यून होता है । जैसा । > क, वा, क< अ, यह दिखलाता है कि है ।
से
सेक न्यून
(४) ७० यह चिह्न अन्तर को दिखलाता है। जैसा,
क. यह और क इन में जो छोटा होगा उस को बड़े में घटा देने से जो शेष बचेगा उस को दिखलाता है ।
(५)
• इस को जिसलिये बोलते हैं ।
(६) : इस को इसलिये बोलते हैं । (७) इ०, इत्या०,
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ये हर एक चिह्न इत्यादि के व्योतक हैं ।
१० चह्नों से वा बीजात्मक अक्षरों से जो संख्या वा राशि दिखलाया जाता है उस को पद कहते हैं सो दो प्रकार का । एक केवल और एक संयुक्त |
1
(१) जो पद एक हि संख्या को दिखलाता है वह केवल पद है जैसा । कग, ५२ ।
(२) जहां दो वा तीन इत्यादि अनेक केवल पद परस्पर संबद्ध हैं। वह संयुक्त पद है | जैसा । अ + क, बा, य' + २ श्रय
- क... ।
संयुक्त पद में जो पहिला पद है सो और जो केवल पद है सो यदि धन हो तो वहां प्रायः धन चिह्न नहीं लिखते । जैसा, यहां
वाय ।
संयुक्त पद में जो केवल पद रहते हैं उन के लिखने का कुछ क्रम नहीं है । जैसा | + ५ क ४ ग + ५क, वा, ५ क
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४ ग वा ४ ग, वा, 8 ग + + ५क, बा,
- ४ ग + चा था, ५ क +
-
४ ग
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