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दीप से दीप जलाओ
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'स्थानांग सूत्र' और 'समवायांग सूत्र' का भली-भाँति अध्ययन कर ले वह सूत्र स्थविर या ज्ञान स्थविर कहलाता है । ___ इस विषय में भी तर्क करने वाले चकते नहीं हैं । वे कहते हैं - "भगवती सूत्र" सबसे बड़ा है तथा पन्नवगा एवं जीवाभिगम सूत्र भी इतने बड़े और महत्वपूर्ण हैं फिर 'स्थानांग सूत्र' एवं 'समवायांग सूत्र के जानकार ही स्थविर क्यों कहलाते हैं ?" ___ बात यह है कि ये सूत्र एक तरह से ज्ञान की खाता बहिये हैं। आपके यहाँ एक रोकड़बही होती है और एक खाताबही । रोप डब ही में आपको प्रतिदिन लिखना पड़ता है तथा खाताबही में ऊपर नाम दे देने से आपको पता चल जाता है कि किससे कितना लेना है और किसे कितना देना है।
तो जिस प्रकार आपकी खाताबही होती हैं उसी प्रकार 'स्थानांग सूत्र' एवं 'समवायांग सूत्र' ज्ञान की खाता बही हैं। इनके द्वारा ज्ञानार्थी ज्ञान के विषय में पूर्ण जानकारी कर सकते हैं। इसलिए इन सूत्रों के जानकार को सूत्र स्थविर माना जाता है तथा उन्हें औरों का ज्ञान दान के योग्य बताया गया है।
आप समझ गए होंगे कि ऐसे स्थविरों या अनुभवी संतों के पास ज्ञान प्राप्त करने से ही सम्य ज्ञान हासिल हो सकता है जो कि आत्म-साधना में सह यक बनता है । स्थविर या अनुभवी सन्तों के पास ज्ञान सीखने से वह बड़ी सरलता से ज्ञानार्थी के मस्तिष्क में जम सकता है। क्योंकि वे आगमों के पूर्ण ज्ञाता होते हैं अतः प्रत्येक विषय को बड़ी सरलता से समझा देने में समर्थ होते हैं। अन्यथा अपने अपको महाविद्वान और पंडित म नने वाले व्यक्ति औरों को तो सही माग पर लाने में असमर्थ होते ही हैं स्वयं भी संसार में उपहास का पात्र बनते हैं। योगीश्वर स्वर्गवासी हुए
एक पंडित जी जो अपने आपको बड़ा पहुंचा हुआ संत मानते थे, प्रतिदिन गंगा के किनारे पर गायत्री-मन्त्र का जोर-जोर से पाठ किया करते थे ।
गंगा के समीप ही एक कुम्हार रहता था। उसके यहाँ मिट्टी ढोने के लिए एक गधा था । संयोगवश वह प्रातःकाल उसी समय जर-जोर से रेंका करता था, जिस समय पंडित जी गायत्री मन्त्र का उच्चारण करते थे । ... प्रतिदिन ऐसा होने पर पंडित जी का ध्यान उस ओर गया तथा वे विचार करने लगे-ओह, लगता है कि यह पशु पूर्व जन्म का कोई महान् योगी है जो मेरे साथ ही मन्त्र का पाठ किया करता है । इसे कदापि पशु नहीं मानना चाहिए । लोग कहा करते हैं -
"धर्मेण होना पशुभिः समानाः ।" पर पंडित जी उस गधे को देख कर सोचते, यह मनुष्य से भी उच्च प्राणी
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