Book Title: Anand Pravachan Part 03
Author(s): Anand Rushi, Kamla Jain
Publisher: Ratna Jain Pustakalaya

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Page 330
________________ काँटों से बचकर चलो ३१३ कहा है- अरे भक्त ! अगर काबा जाना है तो जाओ; पर मन्दिर से होकर भी एक मार्ग उधर को ही जाता है। अल्लाह का घर वहां से भी दूर नहीं है। तो बन्धुओ आप समझ गए होंगे कि मन्दिर, मसजिद, गिरजाघर या गुरुद्वारा कहीं ने भी जाया जाय, उसमें कोई हर्ज नहीं है शर्त केवल यही है कि पाप कर्म रूपी कांटों से आत्मा को बचाते हुए चला जाय । अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो कोई भी मार्ग मंजिल तक पहुंचाने में समर्थ नहीं हो सकेगा इसलिये अगर हमें अपनी मंजिल को पाना है, अपनी आत्मा को परमात्मा बनाना है तो पग-पग पर बिछे हुए इन काँटों को बचाकर समय मात्र का भी प्रमाद किये बिना चलते रहना है। तभी हमारी लक्ष्य पूर्ति हो सकेगी। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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