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प्रस्थान
विजय मुनि और सुरेश मुनि दोनों ही संस्कृत में शास्त्री और हिन्दी में साहित्य रत्न हैं। संस्कृत विश्वविद्यालय काशी की साहित्य मध्यमा और प्रयाग की साहित्य विशारद परीक्षा भी उक्त दोनों मुनियों ने दी है।
संक्षेप में उपाध्याय अमर मुनि जी महाराज के परिवार की परिचय-रेखा इस प्रकार है
पूज्यपाद पृथ्वीचन्द्र जी महाराज
अमर मुनि जी म०
अखिलेश मुनि जी
विजय मुनि सुरेश मुनि
श्रमण-संघ बनने से पूर्व श्रद्धेय पृथ्वीचन्द्र जीमहाराज अपनी सम्प्रदाय के प्राचार्य एवं पूज्य थे। परन्तु सादड़ी सम्मेलन के अवसर पर समाज संघटन के लिए अपने अपने आचार्य पद का त्याग कर दिया था। अव श्रमण-संघ की व्यवस्था के अनुसार आप मंत्री पद पर हैं।
श्रद्धय अमरचन्द्र जी महाराज भी पहले अपनी सम्प्रदाय के उपाध्याय थे। किन्तु सादड़ी सम्मेलन में आपने भी संघ एकता के लिए उपाध्याय पद का परित्याग कर दिया था। पर, भीनासर सम्मेलन में आपको फिर से श्रमण-संघ का उपाध्याय पद दिया गया। उपाध्याय पद आपके व्यक्तित्व और कृतित्व के अनुकूल ही है । श्रमण-संघ ने आपको उपाध्याय बनाकर वस्तुतः अपना ही गौरव बढ़ाया है।