________________
आओ संस्कृत सीखें
जिह्वामूलीय क् या ख के पहले तथा उपध्मानीय प या फ के पहले विसर्ग के बदले क्वचित् लिखते हैं। उदा. दु - खम्, दुःखम् । अन्त )( पातः, अन्त पातः ।
शब्दों के भेद वर्गों के संयोग से शब्द बनते हैं, वे चार प्रकार के हैं 1. जाति वाचक :- मनुष्यः- मनुष्य 2. गुण वाचक :- पीतम् - पीला 3. क्रिया वाचक :- गम - जाना 4. द्रव्य वाचक :- राकेशः राकेश
धातु :- हर प्राणी के जाने, आने, खाने, पीने आदि व्यवहार को क्रिया कहा जाता
• संस्कृत में क्रिया के वाचक शब्द को 'धातु' कहा जाता है | • संस्कृत व्याकरण में धातुओं के 10 गण हैं | • धातु सिवाय के शब्दों को नाम कहा जाता है ।
स्व संज्ञा जिन वर्गों को परस्पर समान गिना गया है वे परस्पर 'स्व' कहलाते हैं। जैसे-अ वर्ण के अ, आ, अँ, आँ, अ, आ, अँ, आँ आदि सभी भेद परस्पर स्व हैं।
अ वर्ण - परस्पर स्व क वर्ण - परस्पर स्व इ वर्ण - ,, ,,
च वर्ण - ,, ,, उ वर्ण
ट वर्ण - ,, ,, ऋ वर्ण
त वर्ण - ,, ,, ल वर्ण - ,, ,,
प वर्ण - ,, ,, ए कार
य् यं वर्ण - ऐ कार
ल लँ वर्ण - ,, ओ कार -
व , वर्ण - ,, औ कार -
र् श ष स् और ह का कोई स्व नहीं है।
:: :: :: : :