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आओ संस्कृत सीखें
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7.
5. वध्वाः |वधूभ्याम्
वधूभ्यः वध्वाः वध्वोः
वधूनाम् वध्वाम् वध्वोः
वधूषु संबोधन | हे वधु! | हे वध्वौ!
हे वध्वः ! 4. संबोधन में दीर्घ ईकारांत और ऊकारांत स्त्रीलिंग नामों के अन्त्य स्वर स्
प्रत्यय सहित ह्रस्व होता है । नदी + स् = नदि
वधू + स् = वधु 5. स्वर के बाद तुरंत उकारांत वर्ण हो ऐसे (स्वरु को छोड़कर) उकारांत
गुणवाचक विशेषणों को स्त्रीलिंग में ई (डी) प्रत्यय विकल्प से होता है | साध्वी; साधुः चन्दना । बह्वी; बहुः मृद् । पाण्डुः भूमिः, यहां ई नहीं होगी ।
इकारांत-उकारांत नाम (स्त्रीलिंग) ऋद्धि = वैभव
मुक्ति = मोक्ष औषधि = दवाई
रात्रि = रात कीर्ति = प्रसिद्धि
रीति = रिवाज दुर्गति = खराब गति
वृष्टि = वर्षा भूमि = पृथ्वी
शक्ति = बल मति = बुद्धि
धेनु = गाय
दासी = दासी देवी = देवी नदी = नदी नारी = नारी भगिनी = बहन
ईकारांत-ऊकारांत स्त्री लिंग नाम
महिषी = पटरानी वापी = बावड़ी श्वश्रु = सास सरयू = नदी का नाम वधू = बहू