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________________ आओ संस्कृत सीखें 82 7. 5. वध्वाः |वधूभ्याम् वधूभ्यः वध्वाः वध्वोः वधूनाम् वध्वाम् वध्वोः वधूषु संबोधन | हे वधु! | हे वध्वौ! हे वध्वः ! 4. संबोधन में दीर्घ ईकारांत और ऊकारांत स्त्रीलिंग नामों के अन्त्य स्वर स् प्रत्यय सहित ह्रस्व होता है । नदी + स् = नदि वधू + स् = वधु 5. स्वर के बाद तुरंत उकारांत वर्ण हो ऐसे (स्वरु को छोड़कर) उकारांत गुणवाचक विशेषणों को स्त्रीलिंग में ई (डी) प्रत्यय विकल्प से होता है | साध्वी; साधुः चन्दना । बह्वी; बहुः मृद् । पाण्डुः भूमिः, यहां ई नहीं होगी । इकारांत-उकारांत नाम (स्त्रीलिंग) ऋद्धि = वैभव मुक्ति = मोक्ष औषधि = दवाई रात्रि = रात कीर्ति = प्रसिद्धि रीति = रिवाज दुर्गति = खराब गति वृष्टि = वर्षा भूमि = पृथ्वी शक्ति = बल मति = बुद्धि धेनु = गाय दासी = दासी देवी = देवी नदी = नदी नारी = नारी भगिनी = बहन ईकारांत-ऊकारांत स्त्री लिंग नाम महिषी = पटरानी वापी = बावड़ी श्वश्रु = सास सरयू = नदी का नाम वधू = बहू
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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