________________
आओ संस्कृत सीखें
12. यह वटवृक्ष है, यह नीम है, वृक्षों पर से गिरे हुए ये फूल हैं ।
13. यह तालाब है, तालाब में ये कमल दिखाई देते हैं । ये हिरण दौड़ते हैं । 14. यह कौन आदमी आ रहा है ?
15. सभी को मान होता है और आत्महित में प्रमाद करते हैं ।
157
16. वह सचमुच दरिद्री है जिसकी तृष्णा अपार है ।
17. जो जिसे प्रिय है, वह उसके हृदय में बसता है ।
18. मैं संपूर्ण जगत् को देखता हूँ, मुझे कोई नहीं देखता है !
19. उपाय से जो संभव है, वह पराक्रम से संभव नहीं है ।
20. जिस पुरुष को श्वसुर का शरण है, वह अधम पुरुष है ।
21. सभी स्त्री को शील श्रेष्ठ भूषण है ।
22. राजा ने किन कन्याओं को मनोहर ये रत्नमालाएँ दीं ? इस मेरी कन्या को !
23. इस अयोध्या में मैं लंबे समय तक रहा ।
24. तुमने इस पाठशाला में किन किन बालिकाओं की परीक्षा ली ?
25. इन दो कन्याओं द्वारा इन दो कलाओं में बहुत प्रयत्न किया गया ।
26. एक यह पुष्पमाला और एक यह, ऐसी दो पुष्पमालाएँ मेरे गले में हैं | 27. विनय से देव को नमस्कार करके सभी साध्वियों द्वारा प्रवेश किया गया। 28. जो यह वहाँ गिरा हुआ वस्त्र दिखाई देता है, वह किसी बालिक का है, अत: वह जिसका है, उसको देने के लिए हमारे द्वारा प्रयत्न है ।
29. इस मिथिला में जिन राम और लक्ष्मण से जिस कन्या की शादी हुई थी उन दोनों मे से एक का नाम सीता और एक का नाम उर्मिला था । उन दो कन्याओं के साथ राम लक्ष्मण द्वारा जिस अयोध्या में प्रवेश किया गया, वह यह है ।
30. यह रत्नमाला मेरी है और यह तेरी है ।
31. ये दो कन्याएँ यमुना की ओर जाती हैं ।
32. जिसका मै निरंतर चिंतन करता हूँ, वह मेरे विषय में राग रहित है ।
उस (स्त्री) को धिक्कार हो, उस (पुरुष) को धिक्कार हो, उस काम को धिक्कार हो, उस स्त्री को और मुझे धिक्कार हो ।