Book Title: Aao Sanskrit Sikhe Part 01
Author(s): Shivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 205
________________ आओ संस्कृत सीखें संस्कृत - धातुकोश: । करना । अभि + क्रोध करना । अट् ग 1.प. = घूमना, भटकना अनु-रुध् ग.4 आ. = इच्छा करना, मानना, अधीन होना । 180 अर्च् ग.1.प. = अर्चा करना, पूजा करना। अर्थ् ग. 10. आ. = प्रार्थना करना । प्र + प्रार्थना करना । अप् ग. 10. प. = देना । प्रदान करना अस् ग. 2. प. = होना । अव + गम् = जानना । इष् (इच्छ्) ग.6.प. = इच्छना, इच्छा निर् + गम् = निकलना । ऋध् ग. 4.प. = बढ़ना | सम् + समृद्ध होना, आबाद होना । कथ् ग. 10.प. = कहना, कथा करना । कम्प् ग.1.आ. = कंपना, धूजना । खाद् ग. 1.प. = खाना | गण ग. 10.प. = गिनना, गिनती करना, कस् ग. 1.प. = खिलना | वि = विकस्वर होना, खिलना । कष् गण. 4.प. = गुस्सा करना काश् ग.1.आ. = प्रकाशित होना । प्र + प्रकाशना । प्रकाशित होना । कुप् ग.4.प. = कोप करना । क्रीड् ग.4.प. = क्रीडा करना, खेलना । क्रुध् - ग.4.प. = क्रोध करना, गुस्सा गणना करना । गम् (गच्छ्) ग.1.प. = गमन करना, जाना। आ + गम् करना । उद्+गम् ऊँचे = जाना, उगना । गर्ज् ग. 10.प. = गर्जना करना । ईक्ष् ग.1.आ. = देखना । निर् + निरीक्षण करना, सूक्ष्मता से देखना । गै ( गाय्) ग. 1.प. = गाना | अप + अपेक्षा रखना । सम् + अच्छी तरह देखना । उद्+वि + देखना । परि + परीक्षा करना । = आना । घुष् ग.10.प. = करना । घोषणा करना, आवाज चर् ग. 1.प. = चरना, आ + आचरण करना फिरना । चल् ग. 1.प. = चलना | चिन्त् ग.10.प. = करना, सोचना । चिंतन करना, चिन्ता चुर् ग.10.प. = चोरी करना । जन् (जा) ग.1.आ. = जन्म होना, होना । प्र+जन् (जा) = उत्पन्न होना । जप् ग. 1.प. = जपना, जाप करना । जि ग. 1.प. = जय पाना, जीतना । परा+ग.1.आ. = पराजित होना, हार जाना वि + ग. 1.आ. = विजय पाना, जीतना । जिम् ग.1.प. = खाना । पैदा

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