________________
आओ संस्कृत सीखें उदा. इष (इच्छ)
इच्छ + अ + त् . ऐच्छ + अ + त् = ऐच्छत् 4. सम्मान देने के अर्थ में एक वचन हो तो भी बहुवचन का प्रयोग होता है । उदा. आचार्यः कथयति के बदले आचार्याः कथयन्ति प्रयोग करते हैं ।
संधि-नियम 5. ह्रस्व स्वर के बाद पद के अंत में रहा ङ्, ण् और न् स्वर पर हो तो द्वित्व
Double हो जाता है । तस्मिन् + उद्याने बालाः क्रीडन्ति ।
तस्मिन्नुद्याने बालाः क्रीडन्ति । 6. त वर्ग जब श् या च वर्ग के साथ जुडता हो तब उस त वर्ग के स्थान पर
च वर्ग रखा जाता है । अर्थात् त् थ् द् ध् न् के स्थान पर
च छ ज झ ञ् रखा जाता है । उदा. अरक्षत् शीलम् = अरक्षच्शीलम् ।
नृपान् जयति = नृपाञ्जयति ।
आगच्छद् जनः = आगच्छज्जनः । 7. त वर्ग जब ए या ट वर्ग के साथ जुडता है तब उस त वर्ग के स्थान पर
ट वर्ग रखा जाता है । उदा. उद् डयते = उड्डयते ।
अपश्यन् डिम्भम् = अपश्यण्डिम्भम् । 8. पद के अंत में रहे त वर्ग के बाद ल आए तो त वर्ग का ल हो जाता है
और न् का अनुनासिक लॅ हो जाता है | उदा. 1. वृक्षाद् लता पतति वृक्षाल्लता पतति ।
2. वृक्षान् लता आरोहन्ति वृक्षाल्लँता आरोहन्ति । 9. पद के अंत में रहे प्रथम अक्षर के बाद श् आए और 'श्' के बाद में धुट्
सिवाय का वर्ण हो तो श का छ हो जाता है ।