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आओ संस्कृत सीखें
165 चाहिए । बहुवचन में म के बाद ए हो तो दीर्घ 'ई' करना चाहिए । प्रथमा व तृतीया एक वचन में क्रमशः ‘असौ' और 'अमुना' रूप बनता है। अदस् और इदम् के रूप में तृतीया बहुवचन में भिस् का ऐस् आदेश नहीं होता है ।
'इदम्' के रूप इदम् का इम करे 'तृतीया विभक्ति से इदम् का अ करे ।' तृतीया एक वचन और षष्ठी-सप्तमी द्विवचन में अन करे । उसके बाद 'सर्व' के अनुसार रुप करे | प्रथमा एकवचन में 'अयम्' रूप होता है ।
अयम् | इमौ . इमम् इमौ
इमान् अनेन आभ्याम्
एभिः अस्मै
आभ्याम् अस्मात् आभ्याम्
एभ्यः अनयोः
एषाम् अस्मिन्
अनयोः नपुंसक लिंग के प्रत्यय
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एभ्यः
अस्य
प्रथमा
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द्वितीया
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सर्वम् सर्वे सर्वाणि शेष पुंलिंग के अनुसार होते हैं ।
व्यंजनांत सर्वनाम प्रत्यय प्रथमा-द्वितीया 0 ई
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