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आओ संस्कृत सीखें
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पाठ-8
धातुओं के आदेश 1. विकरण प्रत्यय लगने पर कुछ धातुओं के आदेश होते हैं। धातुओं के आदेश ( ) में दिए गए हैं।
पहला गण (परस्मैपदी) गम् (गच्छ) = जाना, गमन करना दृश् (पश्य) = देखना स्था (तिष्ठ) = खड़ा रहना, स्थिर रहना दा (यच्छ) = देना, दान करना पा (पिब्) = पीना
चौथा गण परस्मैपदी मद् (माद्) = मस्त होना, प्रमाद करना, भूल करना शम् (शाम्) = शांत होना
श्रम् (श्राम) = थक जाना
छठा गण परस्मैपदी इष् (इच्छ) = इच्छा करना, इच्छाला छाटा र FIL
दूसरा गण - (अस् = होना) के रूप अस्मि स्वः
स्मः
स्थ अस्ति स्तः
सन्ति संस्कृत में अनुवाद करो 1. तुम भक्षण करते हो । 7. वह शांत होता है । 2. तुम सब मारते हो । 8. हम खडे है । 3. मैं पूरा करता हूँ। 9. वे दोनों भूल करते हैं । 4. हम पालन करते हैं । 10. वे देखते हैं । 5. हम दो स्पृहा करते हैं । 11. तुम सब पीते हो । 6. मैं तैरता हूँ।
हिन्दी में अनुवाद करो 1. यूयं भक्षयथ ।
7. अहं गच्छामि । 2. त्वं कथयसि ।
8. त्वं श्राम्यसि ।
असि
स्थ
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