________________
विषय खंड
आदिकाल का हिन्दी जैन साहित्य और उसकी विशेषताएँ
१२१
वर्गीकृत सूची प्रस्तुत की जा रही है। अज्ञात कवियों की अनेक कृतियों को इसमें नहीं लिया गया है, उनपर अन्यत्र विचार करेंगे। इनमें से अधिकांश रचनाएँ श्वेताम्वर विद्वानों की ही हैं । दिगम्बर विद्वानों की एक दो रचनाओं का ही इसमें समावेश किया गया है। क्योंकि दिगम्बर कृतियों की अभी पूरी शोध लेखक नहीं कर सका है। आंशिक रूप से इस वर्गीकरण में रचना-काल में भी क्रम रखनेका प्रयास किया गया है, पर प्रधानता काव्यरूपों को ही दी गई है। इन काव्यरूपों को देखते हुए हम इस साहित्य की विविधता का, बहुमुखी क्षेत्रका तथा संपन्नताका अनुमान सहज ही लगा सकेंगे। राजस्थानी, गुजराती, जैन, अजैन अनेक विद्वानों ने भी इस साहित्य की प्रचुरता, वैज्ञानिकता और विशालता पर अनेक ग्रन्थ लिखे हैं । अतः यह साहित्य महत्वशाली सिद्ध हो जाता है। नीचे आदिकालीन हिन्दी जैन साहित्य की रचनाओं की एक वर्गीकृत सूचो दी जा रही है। इस सम्बन्ध में एक लेख पहले भी प्रकाशित किया जा चुका है।
शताब्दी काव्यप्रकार कृतिनाम
रचनाकाल रचनाकार ११ वीं शताब्दी उत्साह * सत्यपुरीय महावीर संवत् १०८१ लगभग धनपाल
उत्साह १२वीं शताब्दी महात्म्य * नवकार महात्म्य सं. ११६७ लगभग जिनवल्लभससूरि
स्तुति * जिनदत्तसूरिस्तुति सं. ११७०
* श्री मुनिचंद्रगुरुस्तुति सं. १२०० लगभग वादिदेवसूरि १३वीं शताब्दी
* भरतेश्वर बाहुबलीघोर सं. १२२५ वज्रसेनरि रास ___ * भरतेश्वर बाहुबलीरास सं. १२४१ शालिभद्रसूरि
* बुद्धिरास सं. ,, के आसपास , * चंदनबालारास सं. १२५७
आसगु * जीवदयारास
सं. ,, * स्थूलिभद्ररात सं. १२५७ के बाद धर्म * रेवंतगिरिरास सं. १२८८ विजयसेनसूरि * आबूरास
सं. १२८९ राम (?) * नेमिनाथरास सं. १२९० सुमति गणि चरित * जंबूस्वामीचरित सं. १२६६ चतुष्पदिका * सुभद्रासतीचतुष्पदिका सं. १२६६ के लगभग धर्म
१. देखिए लेखक का -“साहित्यकार" फरवरी, १९५८ में प्रकाशित “ आदिकाल का प्रका
शित हिन्दी जैन साहित्य " लेख
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org