Book Title: Yatindrasuri Abhinandan Granth
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: Saudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
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श्री यतीन्द्रसूरि अभिनंदन ग्रंथ
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आबू - सिरोही के नजदीक के ( पुरानी सिरोही रिदासत के कई गांवों में प्राचीन जैन धातुप्रतिमायें हैं । इनमें से एक अजारी से मिली हुई, सं. १०९२ [ई. स. १०३५-३६ ] की यहां आकृति १४ और १४ अ में प्रदर्शित की है ।
ईसी अजारी के मंदिर में श्याम पाषाण की एक सरस्वती प्रतिमा है जो प्राभाविक मानी जाती है, सुप्रसिद्ध है । आकृति नं. १५ में प्रदर्शित यह प्रतिमा सं. १२६९ में श्री शान्तिसूरि के द्वारा प्रतिष्ठित की गई थी । मध्यकालीन कला और प्राचीन पश्चिमी भारतीय कला के बीच में जो अन्तर है वह पाठकों को इससे स्पष्ट प्रतीत होगा ।
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