Book Title: Unadigana Vivrutti
Author(s): Hemchandracharya,
Publisher: Lavanyasurishwar Gyanmandir
View full book text
________________
OSHHHHHHHHHHHH
E550 ॐ श्रीविजयनेमिसूरीश्वरग्रन्थमालारत्नम् ६५ ॥ ॥ आशैशवशीलशालिम्यां श्रीविजयनेमि-लावण्यसूरीश्वराभ्यां नमः ॥ कलिकालसर्वज्ञश्रीहेमचन्द्रसूरिभगवत्प्रणीता स्वोपज्ञा
श्रीउणादिगणविवृतिः विविधपरिशिष्टादिना समलङ्कृता।
संपादकः
शासनसम्राट्-जगद्गुरु-सूरिचक्रचक्रवति-सर्वतन्त्रस्वतन्त्र-तपोगच्छाधिपति-विविधतीर्थोद्धारकश्रीमद्विजयनेमिसूरीश्वर-पट्टालंकार-साधिकसप्तशतश्लोकप्रमितनूतनसंस्कृतसाहित्यसर्जकव्याकरणवाचस्पति-शाखविशारद-कविरत्नसाहित्यसम्राट् श्रीमद्विजयलावण्यसूरी
श्वरान्तेवासि-विद्वद्विनेयरत्नमुनिराजश्रीमनोहरविजयः।
प्रकाशका
श्रीज्ञानोपासकसमिति श्रीविजयलावण्यसूरीश्वरज्ञानमन्दिर
बोटाद ( सौराष्ट्र)
मूल्यम्-पञ्चरूप्यकाणि वीर संवत् २४६४]
नेमि संवत् १६
[वि० संवत् २०२४ प्रथमावृत्तिः। 959999999999999999999996555555555555
Ahol Shrutgyanam

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 132