Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
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साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि
मील का पत्थर सिद्ध होगी।
स्पष्टवक्ता एवं अनुशासन अन्त में मैं अपने हृदय की अनन्त-अनन्त शुभकामनाओं
प्रिय सहित मुनि श्री जी के सुदीर्घ संयमीय जीवन की मंगल कामना करता हूँ।
पंडितमुनि, इतिहास वेत्ता, श्रमणसंघ के मंत्री, मधुर0 उपप्रवर्तक मुनि हेमचन्द्र
वक्ता श्री सुमनमुनिजी म.सा. के अभिवंदन स्वरूप अभिनंदन दिल्ली
ग्रंथ का प्रकाशन किया जा रहा है - प्रसन्नता हुई।
मुनि श्री के प्रति हमारी आत्मीयता है। वे स्पष्टवक्ता
एवं अनुशासन प्रिय हैं। संयमाराधना के साथ-साथ वीतराग स्नेह सुमनाञ्जलि
वाणी के प्रचारक भी हैं। उनकी संयम साधना का हम
हार्दिक अभिनंदन करते हैं और भी शुभेच्छा व्यक्त करते विद्वद्वर्य पं. रत्न श्र.सं. मंत्री श्री सुमनमुनि जी म. |
हैं कि वे दीर्घायु रहे, स्वस्थ प्रसन्न रहे । जिनशासन की सादर सुखशान्ति पृच्छा!
खूब प्रभावना करते हुए संयमाराधना में रत रहे । पत्र मिला, पुस्तिका भी! सुमन-प्रव्रज्या में आपके
मोहनमुनि जीवन के चलचित्र दृष्टिगोचर हुए! विगत स्मृतियाँ उद्घाटित
श्रमणसंघीय वरिष्ठसलाहकार होने लगी।.....
प्रव्रज्या की इस स्वर्णिम वेला पर मेरी एवं संत मंडली की ओर से स्नेह सुमनाञ्जलि स्वीकार करें। चिरकाल
महापुरुष तक आप भगवद् वाणी का प्रकाश जन-जन के मन में प्रकाशित करें।
साधारण व्यक्ति युग के अनुसार चलता है परन्तु २२ अक्टूबर १६६६ के दिन आप अपने यशस्वी
महापुरुष युग के अनुसार नहीं चलता अपितु युग उसके संयमी जीवन के पचासवें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। मैं
अनुसार चलता है। वह अपने जीवन्त जीवनादर्शों से युग
की धारा को मोड़ देता है। वह युग के नाम से नहीं हार्दिक कामना करता हूँ कि आपका संयम स्वर्णमय चमकता रहे। आप चिरायु हों। स्वस्थ और सानन्द रहकर समाज
अपितु युग उसके नाम से जाना जाता है। की सेवा करते रहें। जन-जन को धर्मालोक से आलोकित हमारे श्रद्धेय परम वंदनीय इतिहास केसरी, श्रमणसंघीय करते रहें। इन्हीं शुभ भावनाओं के साथ - सलाहकार एवं मंत्री श्री सुमनमुनिजी महाराज साधारण
व्यक्ति नहीं है। वे महापुरुष हैं। उन्होंने अपने जीवन्त 0 रतन मुनि
जीवन आदर्शों और क्रान्तिकारी विचारों से समाज के एक (आत्म कुल कमल)
बड़े वर्ग को प्रभावित किया है। आपके मौलिक और तर्क संगत विचार सुनकर श्रोता आत्यन्तिक रूप से प्रभावित होते हैं।
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