Book Title: Rajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Author(s): Premsinh Rathod
Publisher: Rajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
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संवत्
१९६१ फा. कृ.१ १९६१ मार्ग शु. ३ १९६४ पौ. शु. ११ १९६७ वै. शु. ३ १९७३ ज्ये. शु. १ १९७४ मार्ग शु. १० १९७८ मार्ग शु. ६ १९८१ वै. श. ५
५. ६.
८.
९. १९८१ वै. शु. ११
१९८१ मा. शु. १०
१९८२ ज्ये. शु. ११ १२. १९८२ आषा. शु. १० १३. १९८२ मार्ग. शु. १० । १४. १९८७ फा. शु. ३
१५. १९८८ माघ शु. १० १६. १९८८ माघ शु. १३ १७. १९९४ मार्ग शु. १०
प्रतिष्ठा अंजन शलाकाएं ग्राम-नगर
विशेष और प्रतिष्ठित बिंब बोरी (झाबुआ)
मूलनायक श्री चन्द्रप्रभस्वामी बिब प्रतिष्ठा गुणदी (जावरा)
मूलनायक श्री शांतिनाथ बिंब की प्रतिष्ठा एलची (ग्वालियर) मूलनायक श्री पार्श्वनाथ बिबो की प्रतिष्ठा मामटखेड़ा (जावरा) मूलनायक श्री चन्द्रप्रभ आदि तीन बिबो की प्रतिष्ठा सिरोडी (सिरोही) स्वर्णध्वज की प्रतिष्ठा और आदिनाथ चरणपादुका की अंजनशलाका उथमण (सिरोही) पार्श्वनाथादि बिंबों की प्रतिष्ठा संजीत (जावरा) मु. ना. पार्श्वनाथ बिंब की प्रतिष्ठा रींगनोद (देवास) मुलनायक श्री चन्द्रप्रभस्वामी आदि बिबों की और गुरुचरण पादुका की
प्रतिष्ठा झकणावदा (झाबुआ) प्रतिष्ठा व अंजनशकाला बड़ी कड़ोद (धार) श्री वासुपूज्य आदि बिंबों की प्रतिष्ठा कुक्षी (धार)
श्रीसीमंधर स्वामी आदि पांच बिबों व स्वर्णकलश दण्डध्वज प्रतिष्ठा नानपुर (धार)
श्री पार्श्वनाथादि बिंबों की प्रतिष्ठा मोहनखेड़ा (ग्वालियर) श्रीराजेन्द्रसूरि बिब और चरणपादुका की प्रतिष्ठा व अंजन शलाका थलवाड़ (राज.) छह जिनबिबों की और अधिष्ठायक-अधिष्ठायिका के बिंबों की प्रतिष्ठा,
अंजन शलाका भाण्डवपुरतीर्थ (राज.) दण्डध्वजारोहण और दो जिन बिबों की प्रतिष्ठा : मेंगलता (राज.) दो धातु जिन बिंबों की प्रतिष्ठा लक्ष्मणी तीर्थ
चौदह जिन बिंबों की प्रतिष्ठा (अलीराजपुर)
चौदह जिन बिंबों की प्रतिष्ठा और स्वर्णकलश, दण्डध्वज, अधिष्ठायक
अधिष्ठायिका के बिंबों की अंजन शलाका हरजी (राज.)
स्वर्णकलश, दण्डध्वज और अधिष्ठायक अधिष्ठायिका के बिबों की
अंजनशलाका डूडसी (राज.)
मूल नायक नेमीनाथ आदि बिंबों की प्रतिष्ठा श्री कोरटाजी (राज.) श्री राजेन्द्रसूरिजी के दो बिंबों की अंजनशलाका रोवाडा (सिरोही) श्री राजेन्द्रसूरि बिंब की प्रतिष्ठा फतहपुर (राज.) श्री राजेन्द्रसूरि और हिम्मतविजयजी की चरणपादुकाओं की प्रतिष्ठा
अंजनशलाका सलोदरिया (राज.) श्री पार्श्वनाथ बिंब की प्रतिष्ठा भूति (राज.)
श्री राजेन्द्रसूरि बिब की प्रतिष्ठा, अंजनशलाका आहोर (राज.)
स्वर्णकलश दण्डध्वज की प्रतिष्ठा, अंजनशलाका जालोर (राज.)
श्री राजेन्द्रसूरि बिंब की प्रतिष्ठा, अंजनशलाका बागरा (राज.)
जिनबिंब, स्वर्णकलश, दण्डध्वज और श्री धनचन्द्रसूरिजी बिंब की अंजन
शलाका सेदरिया (राज.) पांच जिनबिंबों की स्वर्णकलश, दण्डध्वजादि की प्रतिष्ठा बलदूट (सिरोही) स्वर्णकलश, दण्डध्वज व अधिष्ठायकादि बिंबों की प्रतिष्ठा, अंजनशलाका ऊड (सिरोही)
दो जिनबिबों की और अधिष्ठायकादि के बिंबों की प्रतिष्ठा सियाणा (राज.) दो जिनबिंबों की प्रतिष्ठा और नवीन ५४ जिनबिंबों की अंजनशलाका मंडवारिया (सिरोही) म. ना. पार्श्वनाथादि बिंबों की प्रतिष्ठा और अधिष्ठायकादि के बिंब,
स्वर्णकलश, दण्डध्वज की प्रतिष्ठा, अंजनशलाका धाणसा (राज.)
मूलनायक श्री शांतिनाथ, गोड़ी पार्श्वनाथ आदि बिंबों की प्रतिष्ठा तथा अधिष्ठायकादि और गुरु बिबों की तथा स्वर्णकलश, दण्डध्वजों की प्रतिष्ठा, अंजनशलाका
१८.
ज्ये. शु. १४
१९. २०. २१. २२.
१९९५ आषा. शु. ११ १९९६ वै. शु. ७ १९९६ ज्ये. शु. २ १९९६ ज्ये. शु. ९
२३. १९९६ ज्ये. शु. १४ २४. १९९६ पौष शु. ८ २५. १९९७ वै. शु. १४ २६. १९९७ मार्ग शु. १० २७. १९९८ मा. शु. १०
२८. १९९८ २९. १९९९
१९९९ ३१. २००० ३२. २०००
फा. शु. ५ मा. शु. ११ फा. शु. २ वै. शु. ६ ज्ये. शु. ६
३३. २००० फा. शु. ११
वी.नि. सं. २५०३
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