Book Title: Rajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Author(s): Premsinh Rathod
Publisher: Rajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
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चन्द्रकान्ता सुराणा (कोषाध्यक्ष), विमलाबाई खारीवाल (सचिव) रोशनदेवी कर्ना (संयोजक), केन्द्रीय प्रतिनिधि-श्रीमती-माणकदेवी ओस्तवाल। महिला परिषद की गतिविधियों में सामूहिक प्रतिक्रमण व पूजन, दहेज व अन्य कुप्रथाओं के विरुद्ध जनजागरण तथा जैन तीर्थयात्रा हेतु प्रयत्न शामिल हैं।
सामाजिक कार्यक्रमों की व्यवस्था में श्री राजेन्द्र जैन बाल परिषद सहयोग देती है। इसके पदाधिकारियों में श्री अनिल सुराणा (अध्यक्ष), श्री अभय मेहता (उपाध्यक्ष) श्री अशोक ओस्तवाल (संयोजक), श्री विजय कर्नावट (सचिव) शामिल हैं। बाल परिषद का गठन श्री पारस ओस्तवाल के निर्देशन में हुआ।
नयागांव नयागांव मालव और राजस्थान की संधि स्थल पर निम्बाहेड़ा से १० किलोमीटर दूर अजमेर-खण्डवा मार्ग पर स्थित है। यहाँ १० कुटुम्ब जैन समाज के हैं।
यहाँ पर अ.भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् शाखा स्थापित है और उसके मुख्य पदाधिकारी इस प्रकार हैं:(१) श्री लक्ष्मीलाल चौधरी
अध्यक्ष (२) " राजमलजी डंगरवाल
नयागांव राजस्थान और मालवा के मध्यमार्ग में है अतः समय-समय पर साधुसंतों की सेवा करने का सौभाग्य इस परिषद को मिलता रहता है। __ यद्यपि गांव छोटा है किन्तु धार्मिकता कूट-कूटकर भरी है। शाखा केन्द्रीय परिषद के कार्यक्रमों में भाग लेती रहती है।
नारायणगढ़ मंदसौर जिलान्तर्गत नारायगढ़ स्थित है। अभी-अभी यहाँ शाखा परिषद की स्थापना हो चुकी है। श्री चंदनमलजी रुंगरेचा जो इस शाखा के संयोजक हैं, के नेतृत्व में शाखा परिषद् के नये निर्वाचन के सदस्य बनाने का कार्य शीघ्र ही सम्पन्न होगा।
रतलाम प्राकृतिक सौंदर्ययुक्त ऐतिहासिक नगर रतलाम बम्बई दिल्ली मार्ग के मध्य स्थित है । रतलाम भारत का हृदय स्थल होने के फलस्वरूप परिषद् की महत्वपूर्ण गतिविधियों का संचालन केन्द्र
मंत्री
यहां समाज के २०० कुटुम्ब हैं। इन अधिकांश परिवारों में परिषद् सहायता निधि मंजूषाएं स्थापित हैं । पदाधिकारी ___ सक्रिय परिषद् के निम्न पदाधिकारी हैं(१) श्री डाड़मचंड वोरा अध्यक्ष (२) , शांतिलाल खेमसरा उपाध्यक्ष (३) ,, कांतिलाल दुग्गड़ मंत्री
,, सज्जनमल सुराणा सहमंत्री (५) ,, चंद्रसेन डोसी शिक्षामंत्री (६) , विजयकुमार संघवी प्रचार मंत्री (७) , नाथुलाल सोनी संगठन मंत्री
शाखा परिषद् के प्रथम अध्यक्ष श्री मदनलाल सुराणा रहे । कार्य (१) समाज के सहधर्मी बंधुओं की सेवा एवं सहायता करना (२) पूजा आयोजन । (३) पyषणपर्व व्यवस्था । (४) नवपद आराधना तथा वैयावृत्य तपस्वियों की सेवा । (५) धार्मिक विद्यालय के विद्यार्थियों की परीक्षा व्यवस्था तथा
पुरस्कार वितरण । (६) सदस्यों द्वारा समय-समय पर तीर्थयात्रा एवं नगर के जिन
मंदिर व उपाश्रय की यात्रार्थ सामुहिक समारोह का आयोजन । (७) पर्पूषण पर्व की आराधना में जिनेन्द्र पूजा, पौषध, सामायिक,
प्रतिक्रमण, सुबह शाम सदस्यों द्वारा सामुहिक रूप से पर्दूषण पर्यत उपाश्रय में रात्रि विश्राम कर के पर्व आराधना में
योगदान देते हैं। उल्लेखनीय कार्य
वीर निर्वाण की २५ वीं शती के समय जैन रत्न सेठ कस्तुर भाई लालजी भाई (अहमदाबाद) इंदौर अधिवेशन में भाग लेने पधार रहे थे तब रतलाम स्टेशन पर उनका आगमन हुआ । उस समय अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् शाखा रतलाम के कार्यकर्ता स्वागतार्थ पहुंचे।
ऐसे क्षणों में अन्य मूर्तिपूजक व्यक्तियों ने उनका घोर अपमान किया तथा अपशब्द कहे । सेठ श्री को शारीरिक चोंटे पहंचाने का असफल प्रयास किया ।
इस अवसर पर परिषद् के सदस्यों ने भी साहस के साथ विघ्न संतोषियों की योजना को असफल कर दिया। इस मध्य परिषद् के सदस्यों ने अपने पर लगी शारीरिक चोटों का ध्यान न करते हुए, पारषद् के उद्देश्यों का ध्यान रखते हुए भगवान महावीर की वाणी का अनुसरण किया व किसी प्रकार का विवाद न किया।
पूज्य मुनिराज श्री जयंत विजयजी मधुकर का चातुर्मास रतल। नगर में सन् १९७७ में सम्पन्न हुआ तथा इनके मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से राजेन्द्र ज्योति स्मारक ग्रन्थ का प्रकाशन रतलाम से हुवा इन महत्वपूर्ण कार्यों में परिषद् को समुचित श्रेय प्राप्त है।
परिषद् का द्वितीय वार्षिक अधिवेशन यहीं सम्पन्न हुआ। आचार्य श्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी महाराज के विद्यमान रहते रतलाम शाखा की स्थापना हुई । गतिविधियां
परिषद् द्वारा श्री राजेन्द्र जैन विद्यामंदिर अखण्ड ज्योति का संचालन होता है। परिषद् शाखा के अतिरिक्त महिला, बाल तथा बालिका परिषदें यहां कार्यरत हैं । केन्द्रीय परिषद् के सहयोग से चौमुखी पुल के चतुर्मुखी मार्ग पर ट्रेफिक छत्री का निर्माण गतिशील है।
- राजेन्द्र-ज्योति
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