Book Title: Rajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Author(s): Premsinh Rathod
Publisher: Rajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
View full book text
________________
अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नव. परिषद् की शाखा स्थापित है। श्री मूलचन्दजी रूनवाल अध्यक्ष तथा उनके साथी कार्यकर्ताओं द्वारा शाखा का सफल संचालन हो रहा है। स्थान स्थान पर परिषद् सहायता निधि मंजूषाएं स्थापित कर दी गई हैं। पाठशाला का संचालन किया जा रहा है जिसमें अनेक छात्र छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं। परिषद् के कार्यकर्ता एक धर्मशाला के निर्माण में गतिशील हैं।
परिषद् के समाज संगठन के उद्देश्य को ध्यान में रखकर गत वर्ष महावीर जयंती समारोह स्थानकवास, दिगम्बर एवं श्वेताम्बर समाज ने सामूहिक रूप मनाया, जिसके जैन शासन की शोभा में वृद्धि हुई। इस प्रकार के अन्य आयोजन एक मंच पर सामूहिक रूप से करने की योजना है, जिससे व्यर्थ के भेदभाव मिटे एवं एक दूसरे के निकट आयें।
समाज में मृत्यु भोग के प्रसंगों पर परिषद् द्वारा विरोध किये जाने पर विशाल पैमाने पर भोज आयोजित नहीं किये गये। मृत्यभोज में मिठाइयों के स्थान पर सादा भोजन ही तैयार किया गया।
स्थानीय परिषद् कार्यकारिणः की छः बैठक गत वर्ष आयोजित की गई थी। महामंत्री श्री सी.बी. भगत के झाबुआ आगमन पर उनका हार्दिक स्वागत समाज एवं परिषद् द्वारा किया गया। गाखा परिषद ने जैन समाज की विवरणपूर्ण जनगणना का प्रस्ताव भी रखा है जिससे समाज का पूर्ण विवरण परिषद् के पास अंकित रहे।
भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा में जैन छात्रावास, जिनालय में पटचित्र, विधवा एवं अनाश्रित वर्ग को रोजगार इत्यादि का प्रावधान है।
शाखा परिषद के पदाधिकारी इस प्रकार है:
अध्यक्ष-श्री महेन्द्र कुमारजी भण्डारी, आध्यक्ष-श्रा रसमलाल जी मेहता, मंत्री-श्रीधर्मचन्दजी मेहता तथा कोषाध्यक्ष-श्रमागर्मल जी कोठारी। परामर्शदाता के रूप में श्री शान्तिलालज: भण्डारी: तथा श्री रखबचन्दजी संघवी का दिशानिर्देशन प्राप्त होता रहा
राणापुर अ.भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवा परिषद् की शाखा राणापुर (झाबुआ) में स्थापित है। उसके मख्य पदाधिकारी इस प्रकार
अलिराजपुर प्रदेश के सुदूर आदिवासी अंचल में श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् शाखा अलिराजपुर जिला झाबुआ में स्थित है । अमराइयों में बसा अलिराजपुर पूज्य श्री राजेन्द्र सूरीश्वरजी का समर्पित अनुयायी नगर है। परिषद् को यहां से अनेक सक्रिय कार्यकर्ता तथा नेता मिले हैं । यहां का उत्साह सराहनीय है। परिषद् के इतिहास में अलिराजपुर शाखा का महत्वपूर्ण योगदान है। अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन न. पा. का दशम अधिवेशन आयोजित कर एक इतिहास बनाया है। यह अधिवेशन ऐतिहासिक तीर्थ लक्ष्मणी में आयोजित किया गया था। लक्ष्मणी-तीर्थ पू. गुरुदेव का प्रिय तीर्थ स्थल रहा है। परिषद् ने नई प्रेरणा ग्रहण की। यही वह स्थल है जहां अधिवेशन में अ. भा. प्रतिनिधित्व मिला था और परिषद् का केन्द्रीय कोष समृद्ध हुआ था। जिसे समाज-कल्याणकारी योजनाओं को कार्यान्वित किया जा सका।
अलिराजपूर परिषद् शाखा के ३२७ सदस्य हैं और इनके पदाधिकारी निम्नानुसार है:
१. श्री तिलोकचन्द जैन (एडवोकेट) अध्यक्ष २. श्री बाबूलाल जैन
उपाध्यक्ष ३. श्री नथमल जैन
सचिव ४. श्री ओच्छवलाल जैन
कोषाध्यक्ष केन्द्रीय प्रतिनिधि--
१. श्री जयंतीलाल जैन २. श्री सुरेशकुमार जैन ३. श्री शैलेन्द्र कुमार जैन ४. श्री कुंदनमल काकड़ीवाला
विगत ७ वर्षों से एक अभिनव योजना समाज की वित्तीय स्थिति में सुधार हेतु श्री महावीर जैन बचत योजना कार्यान्वित की गई । इस योजना से समाज की गरीबी दूर करने का यह ठोस कदम है जो अखिल भारतीय विस्तृतिक समाज के लिये एक आदर्श रूप है।
परिषद् के युवा सदस्य सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा, मृत्युभोज पर समय समय पर प्रहार करते रहे हैं। परिषद् को निम्न गतिविधियां हैं--
(१) श्री राजेन्द्र जैन विद्यालय (२) परिषद् सहायता निधि मंजूषा (३) श्री महावीर जैन बचत योजना
(१) श्री जितेन्द्र कुमारजी जैन
अध्यक्ष (२)" झुमकलालजी रामाजी जैन
मंत्री (३) " शांतिलालजी भंसाली
केन्द्रीय प्रतिनिधि (४) " सुजानमलजी जैन केन्द्रीय प्रतिनिधि और केन्द्रीय
कार्यकारिणी के सदस्य - राणापुर पूज्य मुनिारज श्री जयंत विजयजी का साधना केन्द्र रहा है। जहाँ उनके द्वारा लिखित श्री राजेन्द्र सूरि प्रकाशन मंदिर है। परिषद् विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय है। राजेन्द्र बचत योजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है जिसके द्वारा मध्यमवर्गीय परिवारों को ऊँचा उठाने में एक महसपूर्ण कार्य हो रहा है।
मेघनगर आदिवासी अंचल में स्थित मेघनगर मोहनखेड़ा तीर्थ का प्रथम द्वार है । यहीं से सभी यात्रियों को प्रस्थान करना होता है । यहां पर
वी. नि.सं २५०३
Jain Education Intemational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org