Book Title: Rajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Author(s): Premsinh Rathod
Publisher: Rajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
View full book text
________________
श्री हीरानी दरजमल जी, श्री हीरानी हस्तीमल जी, श्री हीरानी उकचंद जी एवं श्री हीरानी तगराज जी रेवतड़ा, जिन्होंने
परिषद् के लिये तन-मन-धन से सहयोग दिया
सुश्रावक गरुभक्त जीवाजी लखाजी
गुड़ा बालोतरा
गुरुभक्त राजमल जी केसरीमल जी जैन गड़ा बालोतरा (राज.) संघयात्रा, उपधान, उजमणा आदि किये, करवाये और आखिर पू. आचार्य श्री विद्याचन्द्र सूरीश्वर जी के कर-कमलों से दीक्षा ली
(वर्तमान-मुनि विनयविजय जी)
श्री रतनचंद जी जीवाजी
गुड़ा वालोतरा आपने कई धार्मिक कार्य करवाकर
सद्-व्यय किया
राजेन्द्र-ज्योति
For Private & Personal Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org