Book Title: Rajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Author(s): Premsinh Rathod
Publisher: Rajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
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द्वारा प्रमाणित किये जायेंगे मुफ्त पाठ्य-पुस्तकें एवं पाठ्य-सामग्री वितरित की जायेगी। जो मेधावी छात्र आर्थिक परिस्थिति के कारण पढ़ाई छोड़ रहे होंगे उन्हें उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए योग्य एवं उचित छात्रवृत्ति दी जायगी।
(४) श्री राजेन्द्र औषधालय:-इसके अन्तर्गत गरीब, असहाय एवं दीन-दुःखियों को मुफ्त औषधि-वितरण की जाएगी।
सियाणा जालौर जिलान्तर्गत सियाणा ग्राम में अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नव. परिषद् की स्थापना हो गई है और इसके पदाधिकारी इस प्रकार है
१. श्री पारसमलजी भंडारी अध्यक्ष . २. श्री हरखचन्दजी पुखराजजी उपाध्यक्ष ३. श्री राजेन्द्रकुमार सिरेमलजी मंत्री ४. श्री बाबूलालजी पूनमचन्दजी उपमंत्री ५. श्री छगनलालजी भानाजी कोषाध्यक्ष ६. श्री वस्तीमलजी पुखराजजी प्रचारमंत्री
परिषद् का अभी-अभी गठन हुआ है और उसकी गतिविधियों में प्रगति आरम्भ हो रही है। सर्वप्रथम उनका लक्ष्य यह है जो विद्यालय बन्द है, उसे आरम्भ किया जाये। ___ वर्ष भर समय अनुरूप धार्मिक कार्यक्रम होते हैं, उनमें परिषद् के कार्यकर्ता सक्रिय भाग लेते हैं।
बागरा (मारवाड़) पूरी ढंढार पट्टी जो सामाजिक कुरीतियों तथा कुरिवाजों से आक्रान्त थी, श्री राजेन्द्र जैन परिषद् ने उनसे संघर्ष किया और अन्तत: समाज को उन बुराइयों को सुधारना पड़ा। परिषद् ने जो कार्य किये हैं वे अमिट रहेंगे। यहां परिषद् स्थापित है और उसके पदाधिकारी इस प्रकार हैं:--
१. श्री किशनलालजी फुलाजी अध्यक्ष २. श्री फूलचन्दजी शोभाजी उपाध्यक्ष ३. श्री ओटमलजी जेरूपजी मंत्री ४. श्री रतनचन्दजी भगवानजी उपमंत्री ५. श्री नथमलजी अमींचरदजी कोषाध्यक्ष
वर्तमान में श्री रतन वन्दजी भगवानजी केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं।
बागरा शाखा के पदाधिकारी प्रायः दक्षिण भारत में व्यापारार्थ जाते हैं इस कारण शाखा परिषद् का कार्य शांत स्थिति में है किंतु यह शांति तूफान की शांति है । जो समय आते ही पुनः सक्रिय हो जावेगी क्योंकि इसका एका इतिहास रहा है।
कुशलगढ़ राजगढ़ के बांसवाड़ा जिले में स्थित कुशलगढ़ को त्रिस्तुतिक समाज दिनांक २२ सितम्बर, १९७७ को उस समय पुलकित हो
उठा जब स्थानीय संघ की बैठक में अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् की शाखा का विधिवत् गठन किया गया । परम पूज्य मुनिराज श्री जयन्तविजयजी महाराज की प्रेरणा रंग लाई और संगठन की छबि निखरने लगी । शाखा परिषद के लिए निम्नानुसार पदाधिकारी निर्वाचित किये गये--
अध्यक्ष-श्री तेजमलजी मेहता, उपाध्यक्ष--श्री बाबूलालजी मेहता, सचिव--श्री मोतीलालजी रांका, सहसचिव-श्री अनोखी लालजी नाहटा तथा श्री धीरजमलजी मेहता, प्रचार एवं संगठन मंत्री--श्री कन्हैयालालजी जैन, कोषाध्यक्ष--श्री हीरालालजी कावड़िया।
शाखा के सदस्यों ने रतलाम में आयोजित अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् की बैठक में भाग लिया। परिषद् के नीतिनिर्देशक तत्वों एवं केन्द्रीय कार्यालय के मार्गदर्शन के अनुसार शाखा परिषद् कार्यरत होने के लिए संकल्पबद्ध है।
जोधपुर श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् की स्थापना पूज्य मुनिराज श्री जयन्त विजयजी मधुकर' के चातुर्मास में हुई।। __ मंत्री---श्री पृथ्वीराजजी बोकड़िया, सहमंत्री--श्री विद्यार्थीचंदजी भण्डारी हैं। यहां पर परिषद् के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रति गुरुवार गुरु महाराज की आरती उतारी जाती है।
अहमदाबाद प्राचीन भारत में कर्णवती एक प्रसिद्ध स्थान रहा है। यहां कर्णवती मुसलमान शासकों के आगमन के कारण अहमदाबाद के रूप में नामांतरित हो गई है। कई राजनैतिक उत्कर्ष एवं पराभव इस नगर ने देखे । स्वतंत्र भारत के एक शताब्दि पूर्व से अहमदाबाद में एक राजनैतिक जागरण हुआ और उसका नेतृत्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से हआ | साबरमती के तट पर आश्रम बना कर। ऐसे नगर अहमदाबाद जो कुबेर नगर और जैन नगर भी कहा जा सकता है के मध्य अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नव. परिषद् की स्थापना
अहमदाबाद नगर के सेठ श्री गगलदास हालचन्द संघवी जो समाज के जैन रत्न हैं, अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन न. परिषद् को केन्द्रीय परामर्शदात्री समिति के वरिष्ठ सदस्य हैं, जिनका समय-समय पर मार्ग दर्शन मिलता रहता है।
परिषद् के नवीन गठन हेतु सदस्यता अभियान निरन्तर गतिशील है और शीघ्र ही विधिवत् निर्वाचन संपन्न होंगे।
थराद थराद नगर पू. राजेन्द्र सूरीश्वरजी महाराज का अनुयायी नगर है। यहां अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन न. परिषद् की स्थापना हो चुकी थी। जिसके तत्कालीन पदाधिकारी इस प्रकार थे-श्री
राजेन्द्र-ज्योति
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