Book Title: Rajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Author(s): Premsinh Rathod
Publisher: Rajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
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सद्भावना में विचरें सभी, सौन्दर्य होवे परिषद् व्यवस्था, स्नेही बनावें सब को हमेशा आमोद में मंगल गीत गावें ॥१॥
बी. नि. सं. २५०३
परिषद् के प्रति शुभ कामना
( पू. पा. संघ प्रमुख श्री विद्याविजयजी म.
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खाचरौद अधिवेशन मेंवि. सं. २०१८
युवक मंडल की परिषद् की बनी अधिक हो अब वृद्धि सदस्यों की सुहित हो इसमें सबका भला, हो सबकी शुभकामना
सफल
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उत्थान बेला अब रम्य आई प्रेमी वनों की परिषद् बनाई आज्ञा निभाना अनिवार्य होगा सोना बुरा है अब नींद त्यागो ॥२॥ |
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