Book Title: Rajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Author(s): Premsinh Rathod
Publisher: Rajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
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वी. नि. सं. २५०३ / ख ६
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ॐ अर्हम् नमः प्रभु श्रीमद्विज राजेन्द्रसूरी गुरुभ्यो नमः
अ. भा. राजेन्द्र जैन नव युवक परिषद का अधिवेशन जो निम्बाहेडा में हो रहा है उसकी सफलता चाहता हूं | विशेष समाज को ध्यान देना चाहिये कि अधिवेशन के कार्य को सफल बनावें, मैं समाज की ओर दृष्टि करता हूं तो मुझे वहाँ कुसंप और फुट दृष्टि गोचर होती है । यह कुसंप मिटे और संपदा बढ़े यही मेरा संदेश है। श्री राजेन्द्र सुरि ज्ञानमंदिर
विक्रम विद्याचंद्रसूरि
तन पोल हाथी खाना अहमदाबाद
ताः - २४-४-८७
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