Book Title: Rajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Author(s): Premsinh Rathod
Publisher: Rajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
View full book text
________________
संवत्
कार्य विवरण
१९२५ श्री रत्नविजयजी को श्री पूज्य उपाधि तथा श्री राजेन्द्र
सूरीश्वरजी नामकरण
पू. श्रीमद् प्रमोदसुरीश्वरजी म. का स्वर्गवास ।
१९३६ गोडीजी में जिनालय प्रतिष्ठा : माह शुक्ला १०
१९५५ फाल्गुन कृष्णा ५ को ९०० बिम्बों की अंजनशलाका, बावन जिनालय की प्रतिष्ठा तथा साधु साध्वियों को बड़ी दीक्षाएं दी गई । बाफना जसरूपजी जीतमलजी द्वारा प्रतिष्ठा हुई।
१९५९ धर्मशाला के ऊपर भ. शांतिनाथ मंदिर को प्रतिष्ठा संपन्न एवं श्री राजेन्द्र जैनागम वृहत् ज्ञान भण्डार की स्थापना । गुरुदेव की जीवित प्रतिमा की प्रतिष्ठा ।
१९७२ पूज्य मुनिराज श्रीपतीन्द्रजी एवं मुनिराज श्री अमृतविजयजी आदि की निथा में बड़ी दीक्षाएं संपन्न १९८४ आचार्य श्री भूपेन्द्र सूरीश्वरजी के सान्निध्य में उपाधान तप शा. पोरवाल गोंडीदासजी सरूपचन्दजी की ओर से । १९९२ आचार्य श्रीमद् विजय भूपेन्द्र सूरीश्वरजी महाराज का स्वर्गवास माह शुक्ला ६ ।
१९९५ परमपूज्य श्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी महाराज को आचार्यत्व से विभूषित । मुनिराज श्री गुलाबविजयजी उपाध्याय पद से विभूषित । वैशाख शुक्ला १० ।
१९९६
२०००
भ. महावीर के मंदिर की प्रतिष्ठा शाह मिश्रीमलजी रतनाजी द्वारा हुई। मुनि रंगविजयजी को दीक्षा । दादावाड़ी में गुरु प्रतिमा की प्रतिष्ठा ।
उपाध्याय श्री गुलाबी एवं इस विजपथी आदि का चातुर्मास सम्पन्न ।
२००१ आचार्य श्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी महाराज का चातुर्मास, आचार्य देव श्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी महाराज के कर कमलों • से माह शुक्ला ६ को अंजनशलाका शाह परागचंदजी aresजी द्वारा चोमुखी, धनुचन्द्रसूरीश्वरजी तथा भूपेन्द्र सूरीश्वरजी की प्रतिमा प्रतिष्ठा । साध्वी जयश्रीजी एवं जयंतश्रीजी को दीक्षा ।
मुनिराज श्रीविद्याविजयजी के सान्निध्य में संची हिम्मत लालजी की ओर से भाण्डवपुर संघयात्रा ।
२००७ श्री राजेन्द्रसूरी ज्ञान मंदिर का निर्माण ।
२०११ आचार्य श्री यतीन्द्रपुरीश्वरजी महाराज का चातुर्मास एवं मुनि पुण्यविजय की दीक्षा ।
२०२० मुनिराज श्री रामचन्द्र विजयजी का दीक्षा महोत्सव । शाह प्रतापचंदजी नथमलजी की ओर से सम्मेदशिखरजी यात्रा संघ संघवी श्री माणकचन्दजी शेषमल, लाभमल दलीचन्दजी की ओर से सम्मेदशिखरजी यात्रा संघ । शाह
बी. नि. सं. २५०३
Jain Education International
चंदनमलजी भूताजी की ओर से मद्रेश्वर शंखेश्वर भ
यात्रा ।
२०३०
शाह छगनराजजी चम्पालालजी कनीरामजी की ओर से शत्रुजय शंखेश्वरजी आदि यात्रा संघ ।
२०१५ फाल्गुन कृष्णा ५ को सामूहिक उद्यापन, अठारह अभिषेक एवं सुदर्शना श्रीजी को दीक्षा मांडोत रामचन्द छगनराजजी के घर से अठाईउत्सव । मुनिराज कीर्ति विजयजी को दीक्षा |
शा. सुखराजजी चम्पालाल भेरूलाल की ओर से पालीताणा गिरनार संघ ।
आचार्य श्री विद्याचन्द्र सूरीश्वरजी द्वारा भीड भंजन पार्श्वनाथ एवं दादावाड़ी की प्रतिष्ठा ।
२०१३ शाह कुन्दनमलजी भूताजी की ओर से छरि पालता मुनिराज श्री जयंत विजयजी "मधुकर" के सान्निध्य में पालीताणा यात्रा संघ ।
साधु साध्वी स्वर्गवास:- मूनि चतुरविजयजीजी,
लावण्यविजयजी, रसिकविजयजी, हेमविजयजी, साध्वीजी सुरभीजी, साध्वी श्री धनश्रीजी, हवासधीजी, विनोदीजी, हिम्मतश्रीजी, विमलश्रीजी, मनरंजनश्रीजी, मेताबश्रीजी, चम्पाश्रीजी ।
दीक्षितः - विमल विजयश्री रामचन्द्र विजयजी, कीर्तिविजयजी, हेमविजयजी, मंगलविजयजी, जयानन्दविजयजी, साध्वी श्री रामबीजी हेतथीजी, सुरवीनी, सुन्दरीजी जीजी, धनश्रीजी भक्तिजी जी आदि । गतिविधियां:--आयंबिलखता श्री राजेन्द्र जैन विद्यालय, संगीतमण्डल, धर्मशाला, पेढ़ी, अम्बिका भवन ।
आयंबिल खाता
श्री वर्द्धमान जैन आयंबिल खाता का स्वतंत्र भवन है। जो बारह माह गतिशील है । इसके अध्यक्ष श्री मूथा सुखराज बाफना हैं। श्री राजेन्द्र जैन विद्यालय
विगत ४० वर्षों से यह संस्था सेवारत है। विद्यालय भवन का निर्माण नागोरी चुन्नीलालजी शेषमलजी ने कराया । इसी भवन में संगीत मण्डल कार्यरत है। विभिन्न उत्सवों, प्रतिष्ठानों तथा धार्मिक कार्यक्रमों के सौन्दर्य में श्री वृद्धि की है। शाह श्री नगराज शेषमलजी तलावत संगीत मण्डल के अध्यक्ष हैं ।
श्री पार्श्वनाथ जैन नवयुवक मण्डल
आचार्य देव श्री भूपेन्द्र सुरीश्वरजी महाराज के उपदेश से - १९९२ में इस मण्डल की स्थापना हुई। संस्था के स्था वक्ता वरमलजी संस्थापक, अध्यक्ष एवं शाह सिरेमलजी पूनमचन्दजी संस्थापक सचिव रहे हैं । इस मण्डल ने समाज को अनेक सेवाएं दी हैं उनमें प्रतिष्ठ आचार्य पदोत्सव भाण्डवपुर, श्री मोहनखेड़ा
For Private & Personal Use Only
3
१५.
www.jainelibrary.org