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प्रघारि
पड़णौ
प्रधारि, अघारी-पु० [सं. अध+परि] १ श्रीकृष्ण ।
उद्दण्ड, बदमाश, गंवार । हठी, जिद्दी ।-दार-वि० २ विष्णु, ईश्वर ।-वि० पापों का नाश करने वाला। अड़ियल । ऐंठदार, मस्त, मतवाला । 4-स्त्री. प्रघावरणौ (बी)-देखो 'अघाणी (बी)।
हठ, दुराग्रह । साहस, बल, शक्ति । प्रतिस्पर्धा, अघासुर-पु०- [सं०] कंस का सेनापति व पूतना का होड़ । प्रभाव, रौव ।-पत, पति, पती, पत्त, पत्ति, पत्तीभाई एक राक्षस ।
बि० हठी, जिद्दी ।-अरबपति, अड़ियल । उद्दण्ड, अघि, अघी-वि० १ पापी, दुराचारी । २ देखो 'अघ' । उपद्रवी । साहसी, वीर। -बंक, बंग, बंगी, भंग, भंगीअघोर-वि० [सं०] १ जो घोर न हो। २ सौम्य, सुहावना। वि० शक्तिशाली, जबरदस्त, दृढ़, अटल, अडिग । हठी,
३ प्रिय, प्यारा । ४ मुलायम, नाजुक । ५ देखो 'अघोरी' जिद्दी । उद्दण्ड, , कठिन, विकट। टेढ़ा-मेढा, ऊंचा-नीचा, -----पु० १ शिव का एक रूप । २ एक शैव ऊबड़-खाबड़ । विचित्र, अनौखा । चंचल, चपल । सम्प्रदाय । ३ तंद्रा। -कुंड-पु. एक तीर्थ का नाम । -बंध-पु० कब्जियत । -बी, वी-स्त्री० विघ्न, बाधा। -नाथ-पु० शिव, महादेव । अघोर पंथ का मुखिया । आपत्ति विपत्ति । हठ, विरोध । झगड़ा । वैर, शत्रुता । -वि० भयंकर, डरावना। -पंथ-पु. एक शैव संप्रदाय । बहस । -बीलो-वि. विघ्नकारक, बाधक । हठी, जिद्दी। -पंथी-पु० उक्त संप्रदाय का अनुयायी।
(स्त्री० अड़वीली)। अघोरा-स्त्री० [सं०] भादव कृष्णा चतुर्दशी।
अड़क-पु०१ बिना बोये स्वत: उगने वाला कदन्न । २ कड़वी अघोरियौ-देखो 'अघोरी' ।
बादाम। अघोरी, अघोरी-पु० [सं० अघोरी] १ एक प्रकार का
| अड़करण-देखो 'अडोकण' । शैव सम्प्रदाय जो गहित-तांत्रिक क्रियाएं करवाता है ।
पड़करणी-स्त्री. किसान स्त्रियों की बांह का चांदी का प्राभूषण । २ उक्त सम्प्रदाय का अनुयायी जो गहित पदार्थों का सेवन
अडकणी, (बौ)-क्रि. [देश॰] १ मा जाना, स्पर्श होना । करता है । औघड़। -वि० १ असभ्यता से खाने वाला।
| २ चिढ़ना। ३ अड़ना। २ घृणित, गंदा।
अड़कन-देखो 'प्रडोकण'। अघोस-वि० [सं० अघोष] १ जो शब्द, ध्वनि या घोष रहित
अड़काडणौ (बौ), अड़कारणौ (बौ), अड़कावणी, (बौ)-क्रि० हो, नीरव । २ अल्प ध्वनियुक्त ।-पु० १ एक वर्ण समूह
१ सहारा देना । २ अड़ाना, रोकना । ३ द्रव पदार्थ को जिसके प्रत्येक वर्ग के प्रथम दो अक्षर तथा 'स' होते हैं ।!
एकाएक उड़ेलना।
अड़कियौ-देखो 'अड़क'। २ प्लुत स्वर ।
अड़खंज-देखो 'अड़खंजौ'। अधौ-देखो 'पागौ'।
अड़खंजाबाज-वि०१ आडंबर या ढोंग करने वाला। २ बहु धंधी। अध्य-देखो 'अघ'।
३ उद्यम करने वाला, उद्यमी। अध्घोर-देखो 'अघोर'।
अड़खंजौ-पु. १ आडम्बर, ढोंग । २ प्रपंच, बखेड़ा । ३ उद्योग, अध्योरी-देखो 'अघोरी'।
धंधा । ४ अड़गा। अघ्रमाण-देखो 'ग्रागेवांगण' ।
अड्ड, अडडाट-स्त्री० [अनु॰] १ सजाकर रक्खी वस्तुप्रों या अघ्राण-देखो 'प्राध्राण' ।
दीवार के गिरने की ध्वनि । २ लगातार अड़-पड़ अघ्रायण-देखो 'अघरायण'।
की ध्वनि । ३ बरसने की क्रिया व ध्वनि । अड़गाबाज-वि० विघ्न कारक ।
अड़चरण, अड़चन-स्त्री० [देश] १ बाधा, रुकावट । २ विघ्न, अड़गी-वि० १ अमम्य, मूर्ख, अनाड़ी। २ रोड़ा लगाने वाला।
व्यवधान । ३ दिक्कत, कठिनाई, परेशानी। ४ रोड़ा, अड़ गौ-पु० [देश] १ विघ्न, बाधा । २ अवरोध, रुकावट ।। अटकाव ।
३ ढोंग, पाखंड । ४ हस्तक्षेप । ५ स्वार्थसिद्धि की युक्ति। अडचल-स्त्री० [देश] १ कष्ट, तकलीफ । २ कठिनाई, दिक्कत। ६ हथकंडा ।
। ३ विघ्न । ४ बीमारी, रोग । अड़-स्त्री० [देश.] १ वह सीधी लकड़ी जो कूऐ पर पाट के अड़णी, (बौ)-क्रि० [देश॰] १ अटकना । २ स्पर्श होना ।
नोचे लगती है। २ फलसे के द्वार पर लगाया जाने वाला ३ सट जाना, लग जाना । ४ जुड़ जाना । ५ उलझना । लट्ठा । ३ विधन, बाधा । ४ रोक, रुकावट । ५ जिद्द, हठ। ६ अटल या अडिग होना । ७ अपनी बात पर दृढ़ होना । ६ टेक, प्रतिज्ञा, प्ररण । ७ लड़ाई, झगड़ा ।-वि० १ उद्दण्ड, ८ रुकना । ६ फंस जाना । १० भिड़ना, टक्कर लेना। अड़ियल । २ जिद्दी । ३ अशुद्ध । -की, कोलौ-वि० ११ हठ करना, जिद्द करना।
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