Book Title: Panchsangraha Part 02
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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संकट भी आये, लेकिन आपकी धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पाबाई हर तरह से समय-समय पर साहस और हिम्मत के साथ सहभागी बन कर जीवन की हर बाधाओं का सामना करते हुए आगे बढ़ाते रहे । सर्वसंपन्न परिवार में आपके तीन लाड़ले पुत्र सुकुमार हैं और एक लाड़ली सुपुत्री है । समय-समय पर जब भी कोई धार्मिक एवं सामाजिक टीप लेकर उपस्थित होते हैं, उन्हें ससम्मान अच्छी टीप चढ़ाकर प्रोत्साहित करते हैं | राजस्थान में ब्यावर में अपने पूज्य पिताजी एवं माताजी की पुण्यस्मृति में एक कमरा आयंबिल खाते में मेवाड़ी गेट के पास निर्मित भवन में आपने बनवाया और वड़पलनी कोडम्बाकम मद्रास के जैन भवन में नीचे वाला हाल आपने अपने पूज्य पिताजी की स्मृति में बनवाया । और भी कई सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के आप सक्रिय कार्यकर्ता हैं ।
आप पूज्य गुरुदेव श्री मरुधर केसरी जी म. के अनन्य भक्तों में से एक हैं । जैन समाज को गौरव है ऐसे सेवाभावी लाल को पाकर । प्रस्तुत ग्रन्थ- प्रकाशन में आपका उदार एवं अनुकरणीय सहयोग प्राप्त हुआ है ।
संस्था की तरफ से शत-शत धन्यवाद ।
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मंत्री
श्री मरुधर केसरी साहित्य प्रकाशन समिति
ब्यावर
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