Book Title: Padmcharita me Pratipadit Bharatiya Sanskriti
Author(s): Rameshchandra Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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१४२ : पद्मचरित और उसमें प्रतिपादित संस्कृति
अवक्रान्ता
अभिरुद्गता—
१६ ग म
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१७ ग म X
१८ x म प
रजनी
१९ रे ग म
२० x ग म
२१ रे x म
धनी x रे
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१
२ स
३ स रे ग म
४ स रे ग म
शुद्ध षड्जा
सब मूर्च्छनाओं में की जाने वाली उनचास २९ (वय) तानें
उत्तरमा
उत्तरायता -
९
धनी x
१० ध नी स
११ नी स
१२ व ४ स
घ नो x
ध नौ स
x रे ग म प ध नि
ग म प ध नि
ध नि
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८ x सा रे ग म
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५ नो x रे ग ६नो साग म प ध
७ नी सा रे ग म
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रे ग म प
१३ १ध मो x रे ग म १४ प ध नी सा x गम १५ x ध नी सा रे ग म १६ प घ x सा रे ग म
२९. भरत का संगीत सिद्धान्त, पृ० ४३-४५ ।