Book Title: Padmcharita me Pratipadit Bharatiya Sanskriti
Author(s): Rameshchandra Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 330
________________ ३१८ : पद्मचरित और उसमें प्रतिपादित संस्कृति प्रद्युम्न २९७, २९८ प्रभब २१९ प्रमवषन ११९ प्रमस विरत २६२ प्रमादचर्या २३७ प्रसूतिका गृह १२९ प्रसवागार १७९ प्रहस्त ७ पाकशाला १७२ पाठशाला १७२ पाणिनि २०७ प. ॥ जिन : लिग : ६० पाण्डुपावन १८८ पाण्डकशिला १२९ पाणिनि २१० प्राकार १६७ प्राकृत २८ प्राग्रहर ७२ पाताल लंका ९८ पातञ्जल योगदर्शन २६१ पानीयशाला ११९, १२० पापोपदेश २३७ पार्श्वनाथ ९, १००,२६२ पारिजाश १९२ पारिजातक १३२ प्रासाद १७१ प्रासादकूट ८६, १७६, १८८ प्रेक्षागृह १३९, १७६ प्रेक्षकशाला १३१, १३९, १७२ पालक ६८ पालगी ११ पिण्ड खजूर ८३ पिशाच २२२ पीठमई ७० पीड़ित १९९ पुण्डरीकिणी ९८, ९९ पुतला १९९ पुण्ड ८६ पुरुषार्थचतुष्टय २५ पुरोहित ६९ पुलस्त्म १० पुलिन्द ६९,८५ पुष्पक ११ पुष्पदन्त ९९ पुश्कर ani पूर्वधातकी झण्ड २९८ पोत ८२ पंचशाल १७३ फ] फानूस ११५ फॉयड २१ बढ़ई २७६ बनारस १२ बह्म सभा १८५ प्रमा ६५, २७५, २८०, २८१ बृहत्कथाकोश २०९ बृहस्पति ५० बलदेव २९८ बलभद्र ८७ बहुरूपा २१६ बहुरूपिणी विद्या १२५ बालपर्यक १६२ बाल्मीकि १४ बाल्मीकि रामायण १३, २९, २९१

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