Book Title: Nahta Bandhu Abhinandan Granth
Author(s): Dashrath Sharma
Publisher: Agarchand Nahta Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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आदर्श मार्गदर्शक
पं० नाथूलालजी शास्त्री श्रीसिद्धांताचार्य अगरचन्दजी नाहटा हिन्दी जगत्के प्रसिद्ध लेखक है। आपका अध्ययन विशाल और विचार उदार हैं। प्रायः जैनाजैन पत्रिकाओंमें आपकी शोध-खोजपूर्ण रचनाएँ हमेशा प्रकाशित होती रहती हैं । जैन साहित्यकी आपकी सेवाएँ अपूर्व हैं । समाजके वातावरण को मधुर बनानेमें आपका बहुत बड़ा हाथ है। मैं आपको न्यायप्रिय एवं समाजका सच्चा हितैषी, साहित्यसेवी विद्वान् मानता हैं और आपसे अत्यन्त प्रभावित हैं। समाज में ऐसे प्रबुद्ध समाजसेवापरायण व्यक्ति क्वचित् ही दृष्टिगोचर होंगे, जो अपना सारा समय साहित्यसेवा और साहित्यकारोंको सहयोग देने में व्यतीत करते हए निःस्पह होकर त्यागमय जीवन-यापन कर रहे हैं।
मानवताके जो सद्गुण अपेक्षित हैं, अपने मर्यादित जीवनमें उन्हें धारण किए हुए नाहटाजी हमारे आदर्श मार्गदर्शक हैं।
मैं नाहटाजीके चिरायु होनेकी मंगल कामना करते हुए आशा करता हूँ कि वे जीवन के सभी संघर्षों में विजयी बनते हए अपने स्वपरकल्याणके लक्ष्य पर सतत आगे बढ़ते रहें।
शुभ कामना
प्रवीणचन्द्र जैन अपने पुण्य-प्रतापसे ज्ञान सम्पत्ति और भौतिक संपत्ति के स्वामी हैं । भौतिक संपदाका वितरण आपने कितना और कैसा किया है यह तो मुझे विदित नहीं, पर गत पंद्रह वर्षोंसे तो मैं बराबर देखता आया हूँ कि आप ज्ञानका वितरण खुले मनसे और सर्वात्मना निरंतर करते रहते हैं । मेरी कामना है, कि इसे आपका ज्ञानावरणीय कर्म एवं अंतराय कर्म दोनों कर्मोंका नाश हो। आप भावी जीवनमें चाहे इस शरीरसे या अगले
शरीरसे या अशरीरी होकर कैवल्य प्राप्त करें और अज्ञानी जीवोंको ज्ञान मार्गकी ओर चलते रहनेकी प्रेरणा दें। यही मेरी शुभ कामना है।
स्वनामधन्य-नाहटाजी
सीताराम लाळस मैं 'नाहटा अभिनन्दन समारोह समिति'को धन्यवाद देता हूँ कि वह राजस्थानके स्वनामधन्य, विद्वज्जनके प्रति आभार प्रदर्शित करके उनके सम्मान हेतु ग्रन्थ प्रकाशित करनेका आयोजन करने जा रही है। इससे बड़ी प्रसन्नता हुई।
मेरी अस्वस्थताके कारण चिकित्सकोंने मुझे पूर्ण विश्राम करनेकी सलाह दी है और निकट समयमें ही उपचार हेतु चिकित्सालयमें भर्ती करवाया जा रहा है। अत: इस स्थिति में, आपकी सेवाओंके लिये अपने सुविचार प्रदर्शित करने में मैं असमर्थ हैं।
व्यक्तित्व, कृतित्व एवं संस्मरण : २०१
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